( चित्र internet के द्वारा)
मन को जोश से भरने वाले
देशभक्ति के गीत सुनायी पड़ने लगे…..
बाजार हो,स्कूल हो,या हो ऐतिहासिक इमारतें
तिरंगे के रंगों से सजने लगे…..
आँखों को जगह जगह
केसरिया,सफेद और हरा रंग दिखा….
साथ मे नीला रंग भी जँच रहा था….
अब जाकर नववर्ष देशभक्ति के
रंगों के साथ सज रहा था…..
नया साल,नयी फसल, रंग बिरंगे फूलों के बीच
बसंती रंग और तिरंगे का साथ दिख रहा था…
( चित्र टाइम्स ऑफ इंडिया से )
“मेरा रंग दे बसंती चोला” जैसे अनेक देशभक्ति
के गीतों ने ज़रा सा आँखों को नम किया था…..
देश की स्वतंत्रता देशवासियों के लिए
बहुत बड़ी उपलब्धि थी…..
अंग्रेजों के जुल्मों की अनेकों दास्तान
इतिहास के पन्नों मे दिखाई दी….
इतिहास बताता है कि विश्वासघात, भीतरघात ने
वीरों और वीरांगनाओं की पीठ पर आघात किया….
कितने वीरों ने स्वतंत्रता के दौरान
वीरगति को प्राप्त किया….
कहीं वीरों ने शौर्य दिखाते हुए
भारत माँ के सामने शीश को झुका दिया…..
जरूरी था स्वतंत्र भारत का अपना गणतंत्र……
क्योंकि स्वाधीन भारत अब नही था परतंत्र…..
भारतीय संविधान आज के दिन से ही स्वीकार हुआ….
बस इसी कारण से 26 जनवरी का
गणतंत्र दिवस नाम हुआ…..
राजपथ गुलजार हो गया…..
भारतीय संस्कृति, सभ्यता और
शौर्य की पहचान हो गया….
राजपथ पर गूँज रही है, देशभक्ति की धूम…..
वीर बच्चे भी दिखायी दे गये…..
जिन्होंने कठिनाईयों को चटाई है धूल….
तरह तरह की झाँकियों और देश की सुरक्षा से जुड़े
संसाधनों का प्रर्दशन हो रहा था…..
( चित्र टाइम्स ऑफ इंडिया से )
हर किसी ने देशभक्ति के रंगों से
अपने परिधानों को भी सजाया था…..
विकास के पथ पर बढ़ते हुए देश के साथ
कदम से कदम मिलाया था……