(चित्र दैनिक जागरण के द्वारा )
ये वादी- ए-कश्मीर है…..
प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है….
ईश्वर ने खुले दिल से
प्राकृतिक सुंदरता को बिखेरा है….
यहाँ पर चारो तरफ हरियाली का डेरा है….
सूर्य की किरणें जब यहाँ पर खिलखिलाती हैं…..
ऐसा लगता है ,मानो सुनहरी किरणों के बीच मे प्रकृति
श्रृंगार करती हुई नज़र आती है…
(चित्र internet से )
बरसात के मौसम मे यहाँ वहाँ, जहाँ तहाँ
बिखरे हुए से बादल दिखते ……
हाथों को आगे बढ़ाओ तो हथेलियों के बीच मे
सिमटते हुए से दिखते …..
पाइन के जंगल हो या आतिश-ए-चिनार
इनके जैसा दीदार कश्मीर के अलावा और कहाँ…..
गुलमर्ग मे फैले हुए हरे-भरे घाँस के मैदान दिखे…..
ये मैदान सर्दियाँ आते ही ठिठुरते हुए से नज़र आते….
ठिठुरन के कारण अपने मन की कर जाते….
मखमली बर्फ को ही रजाई या कंबल समझकर
उसके नीचे घाँस के मैदान चुपचाप सो जाते….
देवदार के घने जंगलों की चंचलता भी
सर्दियों के मौसम मे थम जाती….
इनकी ऊँचाईयों को देखकर भी
बर्फ की चादर नही घबराती है….
बड़े -बड़े पेड़ भी बर्फ की चादर मे
लिपटे हुए से नज़र आते हैं…..
ऐसा लगता है प्रकृति के प्रहरी सफेद लिबास मे
सुरक्षा मे मुस्तैद नज़र आते हैं…..
आइने सी चमकीली बहती हुई नदियाँ थमती सी
नज़र आती हैं…..
क्योंकि इनकी ऊपरी सतह पर बर्फ जम जाती है….
बर्फ से ढँकी हुई पहाड़ों की चोटियाँ
मन को शांत कर जाती है…..
अपनी धवलता से भव्यता का एहसास कराती है….
आँखें ऐसी प्राकृतिक सुंदरता को देखकर
पलक झपकाना भी भूल जाती है….
ऐसी अलौकिक सुन्दरता बहुत दूर नही
बस हमारे देश मे कश्मीर मे ही नज़र आती है…..
( चित्र internet से )