सर्दी का मौसम हमेशा खूबसूरत सा होता है,बस ज़रा सा उत्साह के साथ बिताने का ज़ज्बा होना चाहिये । वैसे तो हर मौसम का अपना अलग ही अंदाज होता है,लेकिन असीमित ऊर्जा का खजाना इसी मौसम के साथ होता है।
रजाई और कंबल ज़रा ज्यादा ही अपनापन दिखाते हैं,ज़रा सा दूर होते ही ऐसा लगता है मुँह फुलाते हुए नज़र आते हैं ।दूसरी तरफ हीटर हो या अलाव इनसे हर किसी का बढ़ जाता है लगाव, कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि जर्बजस्ती अपने पास बैठने के लिए मजबूर करते हुए नज़र आते हैं ।
बस इसी कारण से सर्द मौसम अपने साथ ज़रा सा आलस लाता है,हर किसी को घर के अंदर दुबकने के लिये मजबूर कर जाता है।शहरी जीवन अपनी तरह से सर्दी से बचने का उपाय करता हुआ दिखता है दूसरी तरफ ग्रामीण जीवन अपनी तरह से।
ऐसी ही सर्दी की एक दोपहर में रजाई, कंबल,हीटर सारी मोह माया छोड़कर मै कला और संस्कृति से जुड़े हुए एक कार्यक्रम में शामिल होने गयी।कार्यक्रम अपनी रफ्तार से चल रहा था।जगह जगह लोगों का हुजूम दिख रहा था,कुछ लोग गुनगुनी धूप का मजा ले रहे थे,तो कुछ कार्यक्रम मे पूरी रुचि के साथ शरीक हो रहे थे।
थोड़ी देर के बाद ही लोगों की भीड़ खाने पीने के स्टाल पर सरकती हुयी नज़र आयी।मैने भी अपने कदमो को उस तरफ मोड़ दिया।चाय के एक नामी गिरामी से स्टाल के पास पहुँच कर मेरे कदम ठिठक गये,कई प्रकार की चाय उनकी लिस्ट मे शामिल थी।
मेरी नज़र गुड़ की चाय की तरफ पड़ गयी,बस वहीं जाकर ठिठक गयी ।गुड़ की चाय का टोकन लेने के बाद करीब आधा घंटे के इंतजार के बाद भी हमे गुड़ की चाय नसीब नही हुई और अदरक इलायची चाय से ही काम चलाना पड़ा।कारण पूछने पर पता चला कि स्टाल पर भीड़ ज्यादा थी, और गुड़ की चाय बनाने मे शायद समय ज्यादा लगता।
कई सालों के बाद गुड़ की चाय की याद ताजा हो गयी सर्दियों के मौसम मे बड़े बुजुर्गों की नसीहतों के साथ गुड़ की चाय पिया करते थे।
ग्रामीण परिवेश से जुड़ी हुई फायदेमंद चीजों को जब हम नामी गिरामी रेस्टोरेंट की लिस्ट मे देखते हैं या अपने देश से बाहर उन चीजों को ज़रा सलीके के साथ सामने देखते हैं तो, उन रेस्टोरेंट के बढ़े हुए दामों को देने मे भी कोई हिचक नही होती।
वापस घर पहुँचकर,सबसे पहले दिमाग पर ज़रा सा जोर डालते ही ,गुड़ की चाय बनाने की विधि याद आ गयी ,और मै तत्परता के साथ उसे बनाने मे जुट गयी।अगर तरीके से बनायी जाये तो ये चाय सर्द मौसम मे बड़ी फायदेमंद होती है।
स्वास्थ्य के लिये लाभदायी बनाने के लिये, आप इसमे तरह तरह के मसाले भी डाल सकते हैं।
इसको बनाने का तरीका सामान्य तरीके से बनायी जाने वाली चाय से ज़रा सा अलग होता है,और अगर ठीक से नही बनाया ,तो इसमे डाले गये दूध के फटने का अंदेशा रहता है।
अब मै आपको इसकी विधि बताती हूँ ….चार कप चाय बनाने के लिये….
1-सबसे पहले पतीले मे चार कप पानी उबलने के लिये चढ़ाये ,दूसरे पतीले मे दूध उबलने के लिये चढ़ाये….
2-पानी मे दो टुकड़े गुड़ के डालिये,इसके अलावा 8से 10दाने काली मिर्च,2 छोटी इलायची,एक बड़ी इलायची, 4-5लौंग,दालचीनी के 2-4 टुकड़े, मध्यम आकार की अदरक इन सभी को अच्छे से कूँचकर पानी मे डालिये और धीमी आँच पर पकने के लिये छोड़ दीजिये।
3-अगर आप सर्द मौसम मे जल्दी ही सर्दी जुकाम या एलर्जी की समस्याओं से परेशान रहते हैं ,तो इस खौलते हुये पानी मे थोड़ी सी कच्ची हल्दी भी कद्दूकस कर के या कूच कर डाल सकते हैं।
4-मसाले और गुड़ के साथ पकते हुए पानी को तब तक उबालते हैं, जब तक मसालों की महक अच्छे से न आने लगे ,और पानी लगभग लगभग आधा बचे।अब इसमे एक चम्मच चाय की पत्ती डालकर एक या दो उबाल लाकर कप मे छान लेते हैं,और उसके ऊपर से खौलता हुआ दूध अलग से डालते है।
इस तरह से बनायी हुयी गुड़ की चाय निश्चित तौर पर शरीर की प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाती है।
घर के बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई इसको पी सकता है।
सर्द मौसम मे बस खाने पीने का ज़रा सा अंदाज बदलने की बात प्रकृति भी हमे बताती है। ज़रा सी मेहनत और हानिकारक खाने पीने की चीजों को अलग कर के हम अपने को सर्द मौसम के दुष्प्रभाव से बचा सकते हैं☺
( समस्त चित्र internet के द्वारा )
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Very informative. Thanks for sharing the recipe of Gur tea.
Thanks Manisha☺
Tea so refreshing drink in any season. With proper ingredients it is healthy too.
Winter aur rainy season mai ingredients ke saath realy helpful hoti hai …summer mai tea jra km peena chahiye aur ingredients ke saath toh bilkul nhi…comment karne ke liye thanks☺