कर्मों के धरातल पर जीवन की राह….
विचारों के साथ चलायमान दिखती है…
जीवन की राह, प्रयास और कर्म के साथ….
ऊबड़-खाबड़ से रास्तों पर संघर्ष करते हुए दिखती है….
व्यक्ति का आत्मविश्वास और हौसला
उसको मानसिक रूप से सबल बनाता है….
सकारात्मक विचारों की श्रृंखला,सार्थक कर्म करने की
चाह बढ़ाती है…
जीवन का सफर भी बड़ा अजीब सा…
कभी निराशा के साथ तीव्र हवा का झोंका…..
कभी आशा के साथ शीतल मन्द पवन जैसा…..
धरती पर तमाम ऐसे जीव हैं….
जिन्हें जीवन का उद्देश्य नही पता….
कर्म करने का ज़ज्बा और जुनून नही पता…..
जीवन के सफर में चलते हुए, जाने अनजाने में
किये गये पाप और पुण्य का हिसाब नही पता…..
जीवन अनमोल तब नज़र आता है……
जब सार्थक कर्म की चाह के साथ…..
मानवता के पक्ष को भी संभालता हुआ
नज़र आता है……
स्वार्थपरक विचार और अपारदर्शिता
जीवन की राह को उलझाते हैं…
ऐसे समय में सकारात्मक सोच
हौसला बढ़ाती है…
मन में उमंग और उत्साह, सकारात्मक सोच
की मजबूत कड़ी होती है….
जीवन की राह में ,छोटी छोटी बातों के बीच में से
खुशी झांकती नज़र आती है…..
सच्चे मन और सच्ची भावना के साथ भी
सार्थक जीवन जिया जा सकता है…
मन की शांति और सुकून के साथ जीवन को
अनमोल बनाया जा सकता है….
खुद का आत्मविश्लेषण हमेशा जरूरी होता है….
इंसान खुद को खुद ही जांच और परख सकता है….
संघर्ष,प्रयास,आत्मविश्वास के साथ जीवन की रणभूमि में….
सकारात्मक सोच को सबसे आगे रखकर….
अपने लक्ष्य को पाने के पथ पर अग्रसर हो सकता है….
(सभी चित्र इन्टरनेट से)