(चित्र internet से )
शांत हो गयी भारत रत्न, युग पुरुष
और एक कवि की आवाज…….
हमारे देश को, भारतीय परंपराओं,भाषा
और अपने, विराट व्यक्तित्व के दम पर
विश्व स्तर पर दिलायी पहचान…..
हर किसी की जुबाँ पर है,बस यह बात
अटल जी का व्यक्तित्व,अटल और महान…..
मध्य प्रदेश का ग्वालियर शहर हो, या आगरा स्थित पैतृक ग्राम
हर व्यक्ति गुमसुम,हर किसी की आँखों मे
दिख रही है निराशा….
पूरे देश मे छायी हुई है, उदासी……
या तो हो रही हैं,अटल जी की बातें….
या तो सुनायी पड़ रही है, खामोशी…..
अपने कवि हृदय से, निडर भाव से ,मौत के लिये लिख जाते हैं…
“मौत की उमर क्या है,दो पल भी नहीं
जिंदगी सिलसिला,आज कल की नहीं”
अपनी पहली कविता ताज को समर्पित करते हुए कहते हैं…..
“यह ताजमहल,यह ताजमहल
यमुना की रोती धार विकल”
देशभक्ति की प्रबल भावना का साथ था….
देश के विकास मे महत्वपूर्ण उनका हाथ था….
भाषा या धर्म के आधार पर भेदभाव…..
कभी भी उनके स्वभाव मे न झलका…..
अपनी भाषा को सम्मान देना…
विचारों और व्यहवार मे सहजता….
इन्हीं गुणों के कारण भारत की आवाज थे….
निश्चित रूप से, अटल बिहारी वाजपेयी जी,पंच तत्वों मे मिलने के बाद भी
आज के युवाओं, और भारतीय समाज के लिए, पथ प्रर्दशक रहेंगे…..
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अटल जी के अंदाज में उनकी कविता
https://youtu.be/ye6vF76TR30