रसोई के साथ होता है हर किसी का जुड़ाव……
खाना बनाना पसंद हो या
सिर्फ खाने का स्वाद लेना हो पसंद…..
मिल ही जाते हैं, रसोई से जुड़ने के बहाने तमाम…..
अग्नि,जल,अनाज और वनस्पतियों के साथ….
कयी सारी चीजें रसोई से जुड़ी होती हैं….
ध्यान से देखो रसोई को तो
सच में कयी चीजें हमारे विचारों से
अनछुई सी रहती हैं….
इंसान रसोई में घुसते ही
माइक्रोवेव,कुकर,मिक्सी, जूसर
गैस चूल्हा जैसी मशीनों के साथ
मशीन जैसे ही जुड़ जाता है….
पेटपूजा के तमाम इंतजाम करने के बाद
सलीके से खुद को रसोई की दुनिया से बाहर
विचारों के साथ खींच लाता है…..
वनस्पतियों और रसोई के रिश्ते की
प्रगाढ़ता हमेशा दिखती है…
बिना वनस्पतियों के रसोई कहां
रसोई दिखती है….
सब्जी हो,अनाज हो, मसाले हो या हो तेल….
इन सभी चीजों का और रसोई का होता है गहरा मेल….
तरह-तरह की सब्जियां और फल
रसोई की जरूरत होते हैं….
सब्जियों को पका कर खाना हो या कच्चा
अनजान नही है, सब्जियों की अहमियत से
वृद्ध,जवान या बच्चा….
तरल रूप में सब्जी और फलों को लेना है
तो बना लो सूप या जूस…..
रसोई में फ्रिज रसोई का अहम् हिस्सा होता है….
फ्रिज का दरवाजा खोलते ही इसके अंदर
तमाम तरह की कहानी और किस्सा होता है….
लाल टमाटर फ्रिज का दरवाजा खुलते ही
मुस्कुराते हैं….
अपनी उपयोगिता को सलाद,सूप,जूस सभी रुप
में देखकर जोर से खिलखिलाते हैं…..
धनिया और मिर्च के साथ मिलकर
तमाम तरह की सब्जियां और फल
वनस्पतियों की दुनिया को दिखा रहे थे….
पनीर को वनस्पतियों की दुनिया से बाहर
बता रहे थे…..
कुछ सब्जियों को देखकर हर उम्र के लोग
खुश नज़र आ रहे थे तो…
कुछ को देखते ही अधिकांश लोग अपने मुंह को
बिचका रहे थे….
इन्हीं सब्जियों के बीच शालीनता के साथ
लौकी मुस्कुरा रही थी….
ऐसा लग रहा था मंद मंद मुस्कुरा कर
अपनी उपयोगिता की बात को
सारी दुनिया को बता रही थी…..
आश्चर्य में डालती है यह बात कि
लौकी का और इंसानों का
दस हजार साल से भी पुराना है साथ…..
ऐसी मान्यता है कि कृषि युग से पहले से ही
मनुष्य लौकी का उपयोग करता रहा है…..
यह केवल सब्जी नही है…..
यह शरीर को रोग रूपी जंजाल से
मुक्त करने वाली औषधि है…..
बोतल जैसी आकृति होने के कारण
बाटल गार्ड भी कहलाती है…..
प्राचीन काल में इसको सुखा कर खोखला करके
इसमें पानी का संचय करते थे…..
कुछ वैज्ञानिक इसका जन्म स्थान अफ्रीका तो
कुछ भारत को मानते हैं…..
आर्युवेद के अलावा ऋग्वेद ने भी
लौकी के महत्त्व की बात बोली है…….
लौकी का रस,तेल,जूस,छिलका एवम्
बीज तक गुणकारी होता है…….
बुखार, मधुमेह, मोटापा, हृदय विकार के अलावा
तमाम तरह की बीमारियों में भी उपयोगी होता है……
मोटापा घटाना है तो चलिए लौकी के जूस के साथ…..
त्वचा में प्राकृतिक चमक लानी है तो ध्यान में लाइये
लौकी के गुणों की बात….
लौकी के ऊपर से बेस्वाद का तमगा हटाने के लिए
ज़रा सलीके से पकाना होता है…..
रायता, हलुआ,खीर,कोफ्ते, पकोड़े या बर्फी
के रूप में भी ले सकते हैं लौकी का मजा……
स्वादिष्ट बना कर खाने से होती नही है
जीभ के लिए यह सजा……..
ऐसा लगा लौकी लोगों के बिचके हुए मुंह को
देखकर बोल रही हो….
लौकी को अपने खाने का अहम् हिस्सा तो बनाओ
देखते ही देखते तमाम शारीरिक बीमारियों को
अपने से दूर भगाओ……..
(सभी चित्र इन्टरनेट से)