Life And Its Stories
  • Motivation
  • Mythology
  • Political Satire
  • Spirituality
Life And Its Stories
  • Travel
  • Women’s Rights
  • Daily Life
  • Nature
  • Short Stories
  • Poems
  • Audio Stories
  • Video Stories
  • About Me
  • Contact
  • Motivation
  • Mythology
  • Political Satire
  • Spirituality
Life And Its Stories
  • Travel
  • Women’s Rights
  • Daily Life
  • Nature
Daily LifePoems

रोशनी का मुकाबला और तारों की जलन

by 2974shikhat September 13, 2017
by 2974shikhat September 13, 2017

महानगरों की दुनिया से दूर…….

छोटे शहरों या गाँवों मे

दिखता है चारो तरफ सुकून…

इन जगहो पर सुबह

बड़ी जल्दी जाग जाती है…
रात की कालिमा जल्दी से

पता नही किस कोने मे छुप जाती है..

भोर होते ही सूरज मुस्कुराता है….
ज़रा सा अपने आप को बादलों
के पीछे छुपाता है…
देखते ही देखते खिलखिलाता है…
अपनी किरणों को तेजी से

चारों दिशाओं मे बिखेरता जाता है… .

दूर तक हरियाली ही हरियाली नज़र आती है…
खेतों मे खड़ी फसल

गर्व के साथ मुस्कुराती है…

शाम का धुन्धलका आकाश की तरफ

नज़रों को फेर देता है..
पक्षियों का समूह पंखों को फैलाकर

अपने घोंसलों की
तरफ मुँह को मोड़ लेता है…

Spread Positivity

तरह तरह की आकृतियाँ आकाश मे घूमते हुए
पक्षियों के समूह बनाते हैं…
घोसलों के पास पहुँचते ही इन आकृतियाँ को

तेजी से बिगाड़ते जाते हैं…
.

सूर्यास्त होते ही ये जगहें

जल्दी से सोने लगती हैं…..
सूर्योदय के साथ संजोयी हुई

ऊर्जा को खोने लगती हैं…

बड़े बड़े वृक्ष शांत हो जाते हैं…
क्योंकि उसमे रहने वाले पक्षी जल्दी से सो जाते हैं….

ध्यान से देखने पर पेड़ों की पत्तियों पर

कुछ हलचल सी दिखी…
ऐसा लगा पेड़ों ने घरों की रोशनी से

मुकाबला करने की ठानी…

पत्तियों के ऊपर ढेर सारी रोशनी की टिमटिमाहट थी…..
जुगनुओं के समूह के वहाँ पर होने की आहट थी….

प्रतिद्वंदिता केवल घरों की रोशनी से ही नही
आकाश के तारों से भी हो रही थी..
छोटे छोटे जुगनुओं को चमकते देख शायद
तारों को जलन हो रही थी…

ऐसा लग रहा था कि तारे रुक रुक कर
जोर जोर से टिमटिमा रहे थे…..
मानो अपनी गुस्से से भरी

आँखें दिखाते हुए जुगनुओं
को डरा रहे थे….

चुपचाप खड़ी होकर

मै यह सब देख रही थी….
चंद्रमा की चंचल किरणों को

जमीन को छूते हुए समेट रही थी….

Spread Positivity

ध्यान से देखा तो चंद्रमा मुस्कुरा रहा था…..
बोला, मै तो तारों और जुगनुओं की

लड़ाई को देखते देखते
अपनी किरणों को सजा रहा था….

बहुत देर से यही सब देखते हुए

अपने मन को बहला रहा था…
बस इसी कारण से तो मुस्कुरा रहा था….

ExpressionFireflyHappiness in NatureHuman behaviorThoughts
0 comment
0
FacebookTwitterPinterestEmail
2974shikhat

previous post
बच्चों का धमाल 
next post
भगवान पर विश्वास और समय

You may also like

माँ अब नही रहीं

February 13, 2025

सैरऔर चिर परिचित चेहरे

February 4, 2025

बदलेगा क्या हमारा शहर ?

January 23, 2025

पुस्तकालय

August 10, 2024

बातें गुलाबी जाड़ा के साथ

December 13, 2023

HAPPY NEW YEAR सुस्वागतम नववर्ष

January 10, 2023

ठहरो बच्चू जी

August 5, 2022

कथा सब्जियों और पोषण की अंदाज जुदा सा

April 21, 2022

मान मनुहार और तक़रार

March 31, 2022

होली का त्यौहार और उड़ता गुलाल

March 19, 2022

About Me

About Me

कहानी का दूसरा पहलू मेरी दुनिया में आपका स्वागत है

मेरे विचार, और कल्पनाएं… जीवन की छोटी-छोटी बातें या चीजें, जिनमे सामान्यतौर पर कुछ तो लिखने के लिये छुपा रहता है… एक लेखक की नज़र से देखो तब नज़र आता है … उस समय हमारी कलम बोलती है… कोरे कागज पर सरपट दौड़ती है.. कभी प्रकृति, कभी सकारात्मकता, कभी प्रार्थना तो कभी यात्रा… कहीं बातें करते हुये रसोई के सामान, कहीं सुदूर स्थित दर्शनीय स्थान…

Popular Posts

  • 1

    The story of my Air conditioners

    September 10, 2016
  • 2

    विचार हैं तो लिखना है

    October 4, 2020
  • 3

    उत्तंग ऋषि की गुरुभक्ति (भाग1)

    November 11, 2020
  • PODCAST-जंगल का साथ बहुत सारी बात

    October 13, 2017
  • 5

    “कृष्ण जन्माष्टमी की बहुत सारी शुभकामनायें”

    August 12, 2020

Related Posts

  • माँ अब नही रहीं

    February 13, 2025
  • सैरऔर चिर परिचित चेहरे

    February 4, 2025
  • बदलेगा क्या हमारा शहर ?

    January 23, 2025
  • पुस्तकालय

    August 10, 2024
  • बातें गुलाबी जाड़ा के साथ

    December 13, 2023

Keep in touch

Facebook Twitter Instagram Pinterest Youtube Bloglovin Snapchat

Recent Posts

  • The story of my Air conditioners

  • कथा महाशिवरात्रि की

  • माँ अब नही रहीं

  • सैरऔर चिर परिचित चेहरे

  • बदलेगा क्या हमारा शहर ?

  • समझो तो पंक्षी न समझो तो प्रकृति

  • पुस्तकालय

Categories

  • All (211)
  • Audio Stories (24)
  • Daily Life (135)
  • Motivation (47)
  • Mythology (16)
  • Nature (33)
  • Poems (61)
  • Political Satire (2)
  • Short Stories (184)
  • Spirituality (20)
  • Travel (25)
  • Women's Rights (8)
  • Facebook
  • Twitter
  • Instagram

@2019-2020 - All Right Reserved Life and It's Stories. Designed and Developed by Intelligize Digital India