अनेक ऐतिहासिक विरासतों को समेटा हुआ दिल्ली शहर भी,कमियों और खूबियों के साथ दिखता हैI जीवन की आपाधापी में लगे हुए लोग भी ज्यादातर,अपने ही दायरे में सिमट कर रह जाते हैं I इंसानियत और मानवता की बातें कभी और कहीं पर नज़र आ जाती हैं I लेखक ह्रदय अपने ही अंदाज में बोल जाता है “ये-दिल्ली-शहर-है-ज़नाब”
ये दिल्ली शहर है ज़नाब
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