भारत के राज्यों को, भौगोलिक नक्शे मे, उत्सुकता के साथ देख रही थी….
नक्शे के मध्य भाग मे स्थित, मध्यप्रदेश मुस्कुरा रहा था…..
नक्शे के मध्य भाग मे बैठे बैठे ही,देशी विदेशी पर्यटकों को, यात्रा के उद्देश्य से, मध्यप्रदेश की तरफ बुला रहा था….
प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर, मध्यप्रदेश की तरफ देखिये तो…. नर्मदा,सोन,चंबल,बेतवा,केन,तवा,ताप्ती,शिप्रा के अलावा, अनेक छोटी बड़ी नदियाँ दिख जाती हैं…..
अपने किनारों पर बसे नगरों के माध्यम से, या अपनी धारा के प्रवाह के साथ, यात्रा प्रेमियों को आश्चर्य मे डालती हैं…..
दूसरी तरफ पर्वत श्रृंखलाओं की अगर बात करें तो….
विंध्य,सतपुड़ा, अरावली,अमरकंटक पर्वत या मध्यप्रदेश मे स्थित, अन्य पर्वत श्रृंखलायें
प्राकृतिक सुंदरता को समेटे हुए ….
उच्च स्तर की शिल्पकला ,और मूर्ति कला को देखने के लिये…..
करोड़ों की संख्या मे पर्यटकों को, मध्यप्रदेश की तरफ खींच ही लाती है…..
विंध्य क्षेत्र की अगर बात करें तो….
देशी विदेशी पर्यटकों को सबसे पहले, सफेद शेर ध्यान मे आता है…..
विंध्य की पर्वत श्रृंखलायें ही हैं…..
जिन्होंने अपने भीतर से सफेद शेर का परिचय, सारे विश्व से कराया था …..
वर्तमान की अगर बात करें तो…..
यात्रा के शौकीनों की यात्रा जब, मध्य प्रदेश की होती है…
तब निश्चित तौर पर
पर्यटकों के चेहरे पर, आश्चर्य के साथ मिली हुई खुशी झलकती है….
अगर पर्यटक महानगरों के शोर गुल से दूर….
पर्वत श्रृंखलाओं के साथ-साथ उत्तम शिल्प कला,नेशनल पार्क, जलप्रपात, धार्मिक भिन्नता के आराधना स्थल…..
धरा के द्वारा दिया गया उत्तम उपहार…. “हीरे की खदान”
इन सभी जगहों को एक ही समय सीमा के भीतर…..
दो या तीन दिन मे, देखना चाहते हैं…
तो चलिये मध्य प्रदेश मे, केन नदी के सहारे -सहारे प्राकृतिक सुंदरता को निहारते हुये चले आइये…..
विश्व प्रसिद्ध कला कृति को संजोये हुये….
छतरपुर जिले मे स्थित खजुराहों के मंदिर से….
20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, रनेह फाल को देखने का आकर्षण, पर्यटक नही छोड़ पाते…
यह प्राकृतिक जल प्रपात है…..
जो केन नदी के द्वारा निर्मित है…..
बरसात के समय, इस जलप्रपात का सौंदर्य देखने लायक होता है…..
केन नदी के द्वारा, प्राकृतिक रूप से बना हुआ रनेह फाल, रंग बिरंगी चट्टानों से युक्त है…..
यह अमेरिका के ,ग्रैंड कैनयन घाटी के समान दिखता है….
यह देशी के साथ-साथ, विदेशी पर्यटकों का भी मानना है….
यहाँ पर डोलोमाइट,क्वार्टलाइट,ग्रेनाइट जैसे…. बेशकीमती पत्थर पाये जाते हैं…..
सूर्य की किरणें जब इन पत्थरों पर पड़ती हैं….
तब रंग बिरंगी छटा बिखरी हुई दिखती है…
रनेह फाल को देखने के बाद पर्यटक….
केन नदी के द्वारा सींचे हुये “पन्ना नेशनल पार्क” मे अनेक ,वन्य जीवों को देखने के साथ बोटिंग का आनंद भी ले सकते हैं…..
इस नेशनल पार्क को “टाइगर रिजर्व” का दर्जा मिला हुआ है…..
कला व शिल्प की नगरी खजुराहों से, यहाँ की दूरी 57 किलोमीटर है…….
यहाँ आप घड़ियालों को देखने के लिए, “केन घड़ियाल अभ्यारण्य” भी जा सकते हैं
प्रकृति का आश्चर्य!!,और धरा का अनुपम उपहार, “पन्ना डायमंड माइंस” को देखकर आँखों के सामने, झिलमिल झिलमिल करते हुए हीरे याद आते हैं….
लेकिन जमीन से निकालने का क्रम, उनको तराशना ….इन सब मे अपना लंबा समय चमक को पाने मे व्यतीत करते हैं
पन्ना मे हीरे की महत्वपूर्ण खदानें हैं…..
ऐसा माना जाता है कि, इन खदानों मे ‘सत्रहवीं शताब्दी’ से खुदाई हो रही है…..
यह भारत मे हीरा उत्पादन करने वाला,एक महत्त्वपूर्ण खदान क्षेत्र है…..
इन प्राकृतिक जगहों को देखने के बाद या पहले ……
विश्व प्रसिद्ध कला कृति को संजोये हुये, खजुराहों के हिंदू और जैन धर्म के स्मारकों को देखना पर्यटको का, यात्रा का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य होता है
खजुराहों के हिंदू और जैन धर्म के स्मारक…….
युनेस्को के विश्व धरोहरों मे शामिल हैं……
खजुराहों मे स्थित मंदिरों का निर्माण, चंदेल राजवंश के समय हुआ…..
खजुराहों के मंदिर के पास घूमते हुये आप को ,हवाई जहाज का शोर सुनाई पड़ जायेगा ……
जिनका काम मुख्य रूप से……
सैलानियों को अल्प समय मे, देश की राजधानी के अलावा अन्य महानगरों,मध्यप्रदेश की राजधानी से या, अन्य किसी कोने से खजुराहों पहुंचाने के, दायित्व को पूरा करता हुआ नज़र आयेगा….
इस लेख को लिखने का मेरा उद्देश्य …..
पर्यटकों का ध्यान, विंध्य की पर्वत श्रृंखलाओं के साथ-साथ….
विश्व धरोहर के आस पास स्थित, छोटी छोटी लेकिन, दर्शनीय जगहों की तरफ खींचने का था….
हवाई जहाज का सफर करना है ,आकाश के जरिये पहुँचिये……
सड़क के जरिये, राष्ट्रीय राजमार्ग से पहुँचिये….
रेल यात्रा पसंद है तो……
भारत के सभी महत्वपूर्ण नगरों से, आवागमन की सूविधा है…….
विदेशी सैलानियों के साथ-साथ आप भी…..
मध्यप्रदेश की इन छोटी छोटी जगहों को, अपनी यात्रा का अंग बनाइये……..
अगली यात्रा मे, मध्यप्रदेश की तरफ कदम बढ़ाइये…….
(सभी चित्र internet से )