कभी विचारशील जो मन हुआ…
ममत्व के भाव को जो छुआ…
बचपन सामने खड़ा नजर आया….
साथ में माँ को लिए आया…
माँ पास खड़ी नजर आयी…
व्याकुल भावभंगिमा के साथ चिंता, नैनों में समायी…
भीगी हुई पलकों का साथ…
संतान के उज्जवल भविष्य की अरदास…
जीवन के सफर में चलते ही रहना….
नित नये आयामों को छूना…
“पल में तोला पल में माशा” सा स्वभाव…
लाड़ और दुलार ऐसा…
जैसे तेज धूप में, पीपल की घनी छाँव…
हमेशा से रहा है रिश्ता यह अनमोल…
माँ की ममता का होता न कोई मोल….
ममता के लिए होता नहीं कोई विशेष दिन…
प्यार और सम्मान के साथ समर्पित…
माँ की ममता को हर एक दिन...
माँ
previous post