कभी सुनहरी किरणों के साथ, नीले आकाश का चमकना……
चमकते हुए नीले आकाश के साथ
पवन का कभी मंद तो, कभी तीव्र गति से चलना…..
वहीं कभी ,धूमिल होती हुई सुनहरी किरणों के साथ…
आकाश का ,श्यामल रंग में परिवर्तित होना…..
ये सब तो प्रकृति का नियम है…..
इस नियम पर ही, सारी सृष्टि निर्भर करती है…..
जीवन चक्र भी कहां इससे अछूता रहता है……
हर जीव अंधेरे और उजाले के साथ अपने अपने
जीवन को जीता हुआ दिखता है…….
श्यामल आकाश ,हमेशा कुछ कहता हुआ सा लगता है…..
अंधेरे को देखकर कई बार इंसान, हिम्मत हारता हुआ
सा नज़र आता है……
ऐसे विषम समय में,खुद पर विश्वास, जीवन से आस…..
सकारात्मक सोच के साथ, सांसों का साथ…..
इंसान को जीवन में कुछ सार्थक कर्म करने का
हौसला बढ़ाता है……
जमाने की दौड़ भाग को देखकर ही सही…..
खुद का वजूद तलाशने की राह पर इंसान आगे बढ़ता
हुआ दिखता है……
अपने इरादों को ज़रा सा मजबूत बनाता है…..
कर्म करने की राह पर निर्भीकता से चलता
नज़र आता है…..
यही तो जीवन का संघर्ष कहलाता है…..
खुद से ही हो रही हो जब प्रतिद्वंदिता तो…..
दौड़ता भागता हुआ जमाना नहीं दिखता…..
उद्देश्य हो जब खुद के ही बनाये हुए, लक्ष्य को भेदना…..
खुद को ही कर्म की कसौटी पर, जांचना और परखना….
तब मजबूत हौसले को साथ रखना होता है……
मन की शक्ति शारीरिक शक्ति से भी प्रबल होती है……
मैं नही कहती यह बात , विद्वानों की वाणी से निकली
होने के कारण ही, चिरपरिचित सी लगती है……
लेकिन जीवन के संघर्ष में हमेशा
“सोलह आने खरी” उतरती है….
शारीरिक शक्ति के साथ होते हुए भी मन के हारते ही
इंसान कमजोर होने लगता है…..
देखते ही देखते अच्छे खासे जीवन को अंधेरों
में डुबोने लगता है……
तब आती है, विचारों को संभालने की बात…..
ऐसे समय में खुद पर यकीन करना तो बनता है…..
खुद के तन और मन को व्यक्ति शांत भाव से खुद ही
समझ सकता है…….
सृष्टि का सबसे अनमोल वरदान, मनुष्य जीवन ही दिखता है……
नन्हा बच्चा भी अपने हौसले के कारण ही, बार बार गिरने के बाद भी
उठता और संभलता है…..
मजबूत इरादों के साथ नकारात्मक विचारों की श्रृंखला को वहीं पर तोड़ दो….
अपने विचारों की दिशा को सकारात्मकता की तरफ मोड़ दो……
एक बार पकड़ लिया अगर सकारात्मक सोच का दामन……
तो नकारात्मक सोच के अंधियारे की तरफ खींच न पायेगा चंचल मन…..
हौसला आगे बढ़ने को प्रेरित करेगा…..
देखते ही देखते सफलता के साथ जीवन आगे बढ़ेगा…..
( सभी चित्र इन्टरनेट से)