Daily LifePoems बात उम्र की by 2974shikhat April 26, 2019 by 2974shikhat April 26, 2019 सच्ची सी ही तो लगती है यह बात… उम्र और अनुभवों का होता है साथ…. हर किसी के जीवन के पल… अनुभवों के साथ जुड़े होते हैं… कहीं सलाह देते,तो कहीं सलाह के साथ… विचार विमर्श के रूप मे सामने खड़े होते हैं…. अखबार,पत्रिकायें या संचार के अन्य माध्यमों मे…. इस तरह के काॅलम या स्तंभ नज़र आते हैं…. ये उम्र, वो उम्र, किसकी कितनी उम्र! सामान्य सी लगती है बात… होता रहता है भद्र जनों के बीच मे इस तरह का वार्तालाप.... कभी दिखती है किसी की सच्ची उम्र…. कभी दिखती है ,झूठ के आवरण के पीछे छिपी उम्र…. उम्र की बात को अगर ,परे रख कर सोचो तो….. हर उम्र अपने साथ, अनुभव तमाम लाती है… कहीं खुशियों के साथ प्रसन्नता के पल… कहीं उलझनों और परेशानियों की बात, कह जाती है…. बचपन की अगर बात करो तो… उम्र का वो वक्त अगर भूले तो! बचपना भूल गये…. आड़ी तिरछी लाइनों से अक्षरों को बना तो लिया! अक्षरों को जोड़कर, शब्दों को लिखना भूल गये…. हिंदी की वर्णमाला या, अंग्रेजी के अल्फाबेट को भूल गये… एक दो तीन चार या, वन टू थ्री की गिनती भी कभी किया था याद! इस बात को भूल गये… सीधे साधे शब्दों मे कहो तो… शिक्षा की बुनियादी बातों को भूल गये… घुटने पर चलते थे …. खुद के पांव पर खड़े होने की बात! भूल गये… खुद के पांव पर खड़े हुए तो… बचपन मे दौड़ने भागने की बात! भूल गये बार बार गिरे तो उठ कर संभलने की बात! भूल गये… आंखें अगर भीगी तो… आँसुओं को पोछे बिना ही.. मुस्कुराने की बात! भूल गये… जीवन के सफर मे आई किशोरावस्था की बारी… हर बच्चे की अपनी अलग ही सोच… क्या?क्यों? और कैसे की खोज… जीवन के सफर के साथ,उम्र भी चल पड़ी… कहीं रुकने या ठहरने की बात !लगती नही इसको भली… युवावस्था सामने दिखी… इस अवस्था मे होती, कल्पनाओं की असीमित उड़ान…. कभी होती वास्तविकता के कठोर धरातल से पहचान… इस अवस्था का होता है सारे जग को, बस यही पैगाम … खुद पर विश्वास से हो सकती हैं,मुश्किलें आसान … युवावस्था मे बड़े बुजुर्गों के सलाह मशवरें….. कड़वी दवा के घूंट से लगते हैं….. आत्म विश्वास के साथ कदम … कर्मपथ की तरफ मुड़े होते हैं….. जीवन समय के साथ… क्रमश:आगे बढ़ता जाता है… उम्र को साथ लिए चलता जाता है… सामाजिक जीवन! पारिवारिक जीवन!व्यवसायिक जीवन! व्यवहारिक जीवन! हर जगह उम्र का अनुभव काम आता है…. सच ही तो है यह बात… जीवन के सफर मे…. उम्र और अनुभवों का होता है अटूट साथ.. AdaptationAgeBe HappychildhoodEvolutionExperienceExpressionFeeling of positivityGrowthHard workHuman behaviorLanguageLearning and teachingLove and careStruggleThoughtsWarmthWill powerWriting 0 comment 0 FacebookTwitterPinterestEmail 2974shikhat previous post कथा समुद्र मंथन की next post कथा, भीमसेन और हजार हाथियों के बल की You may also like माँ अब नही रहीं February 13, 2025 सैरऔर चिर परिचित चेहरे February 4, 2025 बदलेगा क्या हमारा शहर ? January 23, 2025 पुस्तकालय August 10, 2024 बातें गुलाबी जाड़ा के साथ December 13, 2023 HAPPY NEW YEAR सुस्वागतम नववर्ष January 10, 2023 ठहरो बच्चू जी August 5, 2022 कथा सब्जियों और पोषण की अंदाज जुदा सा April 21, 2022 मान मनुहार और तक़रार March 31, 2022 होली का त्यौहार और उड़ता गुलाल March 19, 2022