सावनमास और मानसून का होता है अटूट साथ …. कभी नीला आकाश पूरी तरह से श्यामल मेघों से ढँक जाता है…. तो कभी बारिश की बूंदों के साथ हो जाता है…. गिरती हुई बारिश की बूंदें भी तरह तरह की आवाजें निकलती हैं… ऐसा लगता है मानो सूखे से दानों को बिखेर दिया हो, धातु की बनी हुई तश्तरियों में….
बातूनी बारिश की बूँदें
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