NaturePoems बदलती ऋतु और पौधों का आलस by 2974shikhat October 27, 2017 by 2974shikhat October 27, 2017 Image Source : Google Free October 27, 2017 बदलती हुई ऋतु हमेशा आलस को साथ मे लाती है…. नींद के तिलिस्म से बाहर निकलना हिम्मत के साथ-साथ मेहनत का भी काम होता है… आलस का प्रभाव चारो तरफ दिखाई पड़ता है….. बदलता हुआ मौसम पेड़ पौधों मे भी आलस्य ला देता है….. गमले मे लगे हुए पौधे…. शांत से दिख रहे थे….. ऐसा लग रहा था मानो नन्हे बच्चे सर्दी से बचकर आराम फरमा रहे थे….. मेरी आँखें सुबह-सुबह ही उनपर जाकर ठहर गयी….. आती हुई सर्दी की आहट उनकी भाव भंगिमा से ही दिख गयी…. पत्तियाँ थी धूल और मिट्टी से भरी… ऐसा लगा नहाने से बचने के लिए कर रही हों मसखरी…. एक गमले के पौधे को देखा तो दूसरा पौधा छुपने की कोशिश करने मे जुट गया….. अपनी पत्तियों को समेट लिया टहनियों को झुका कर चुपचाप बैठ गया… ऐसा लगा इंसान के बच्चों जैसे ठंडे पानी से नहाने से डर गया…. साफ-सफाई के प्रति पौधों की ये लापरवाही मुझे ज़रा सा अखर गयी…. बस इसी कारण से धूल मिट्टी उनके ऊपर अपना घर कर गयी….. उनकी यही लापरवाही मुझे उनका ख्याल रखने के पथ पर अग्रसर कर गयी…. पौधों का पड़ा ठंडे पानी से वास्ता…. क्योंकि था न उनके पास कोई दूसरा रास्ता….. पौधों को नहलाने के बाद उनको धूप मे ही छोड़ दिया…… ऐसा लगा ठण्ड से ठिठुरते हुए बच्चों को उनके हाल पर ही छोड़ दिया….. थोड़ी देर के बाद ही वापस मै उनके साथ थी…. उनकी आँखों मे देखभाल और साज़ सँवार की आस थी…. सारे पौधे खिलखिला रहे थे…. ऐसा लगा हँसते हुए अपने दाँतों को दिखा रहे थे…. पत्तियाँ उनकी साफ सुथरी होने के बाद लहलहा रही थीं… हाथों को आगे कर के शुक्रिया फरमा रहीं थी…… CareHappiness in NatureThoughts 0 comment 0 FacebookTwitterPinterestEmail 2974shikhat previous post PODCAST-काली घटाओं के साथ आत्मविश्वास next post PODCAST-यात्रा पुरानी दिल्ली की You may also like माँ अब नही रहीं February 13, 2025 प्रकृति का सौम्य या रौद्र रूप और सावन... August 5, 2023 कहानी मोती की January 12, 2023 तट नदिया का February 17, 2022 शब्दों का तिलिस्म September 6, 2021 माँ September 3, 2021 बेटियां August 30, 2021 आवाज प्रकृति की August 16, 2021 बातूनी बारिश की बूँदें September 25, 2020 Aakash ke badalte rang September 10, 2020 0 comment Manisha Kumari October 28, 2017 - 4:21 pm सुंदर वर्णन है। Mrs. Vachaal October 28, 2017 - 4:50 pm धन्यवाद 😊
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सुंदर वर्णन है।
धन्यवाद 😊