NaturePoems प्रकृति का सौंदर्य और चिरैयों की बात by 2974shikhat February 25, 2019 by 2974shikhat February 25, 2019 Image Source : Google Free फुदकती हुई चिरैया कभी नन्ही सी गौरैया कभी मैना मतवाली वहीं कभी फाख्ता की चाल बड़ी प्यारी । भोर का समय हो । ज़रा सा अलसाया सा प्रकृति का सौंदर्य हो । कबूतरों का तो समझ मे नही आता ठौर ठिकाना । कभी बारजों पर ,कभी छज्जों पर बैठे हुए ही इठलाना । कभी आँगन मे आकर,दाना चुगते हुए ही दिख जाना । कभी कभी ध्यान से देखती हूं बगीचे की मिट्टी को । कोमल दूबों या, हरी हरी घाँस के बीच मे छुपी हुई प्रकृति को । समझ मे नही आती, इन चिरैयों की प्रवृत्ति । मिट्टी के बीच से क्या चुगती रहती हैं ? कहीं ऐसा तो नही ये भी गीली और सूखी मिट्टी के बीच मे कविता या कहानी, बुनती रहती हैं । कभी तो धरा पर,घूमती फिरती दिखती । कभी पंखों को फैलाकर, उड़ान भरती दिखती । सुबह की सैर पर निकलो तो पेड़ों, झाड़ियों और तारों पर चिरपरिचित से पक्षी दिखते हैं । भूरे रंग और भूरी काली आँखों वाली बबलर चिड़िया की आवाज कानों को सुबह सुबह चुभती है । लेकिन! अपने मस्तमौला अंदाज मे बबलर चिड़िया भी जाने कौन सा ,गीत संगीत गुनती रहती है । Image Source : Google Freeपेड़ों की शाखों से अलग तार पर बैठा हुआ नीलकंठ पक्षी नज़र आ रहा था । ऐसा लग रहा था मानो ध्यान की अवस्था मे उगते हुए भास्कर के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति दिखा रहा था । छोटी -छोटी मुनिया चिड़िया पत्तियों और झाड़ियों के बीच मे जाने कहाँ घुम जाती हैं । ऐसा लगता है मानो मानव जगत के, छुपम छुपाई के खेल को दिल से अपनाती हैं । सिर के ऊपर से पक्षियों का झुण्ड उड़ान भरता नज़र आता । अपनी छाया को धरती पर छोड़ता हुआ दिख जाता । उनका बात करने का अंदाज । कभी किसी पेड़ पर बैठना । कभी किसी पर बैठने का उतावलापन तोतों के समूह की बात बतला जाता । Image Source : Google Freeसुबह की सैर के समय रास्तों पर,पक्षियों की चहलकदमी भी मन को बहुत भाती है । अलसाये हुए प्रकृति के सौंदर्य को अपने अलग ही अंदाज मे बतलाती है । BirdsConversationExpressionFeeling of positivityHappiness in Naturemorning walkThoughts 0 comment 0 FacebookTwitterPinterestEmail 2974shikhat previous post शहादत को श्रद्धांजलि next post शौर्य के साथ जज़्बात You may also like प्रकृति का सौम्य या रौद्र रूप और सावन... August 5, 2023 कहानी मोती की January 12, 2023 तट नदिया का February 17, 2022 शब्दों का तिलिस्म September 6, 2021 माँ September 3, 2021 बेटियां August 30, 2021 आवाज प्रकृति की August 16, 2021 बातूनी बारिश की बूँदें September 25, 2020 Aakash ke badalte rang September 10, 2020 Maa Ki Mamta September 9, 2020