(चित्र Creative siba के सौजन्य से )
दौड़ते भागते हुए रास्ते प्रकृति
के विभिन्न रंग दिखाते हैं
यही रंग मन को लुभाते हैं
दिखती हुई प्राकृतिक सुन्दरता
आँखों मे समायी है
सफर करने का माध्यम
क्या है और कैसा है
यह बात होती नही है
ज्यादा महत्वपूर्ण
प्रकृति मुसाफिरों के समक्ष
करती नही भेदभाव और दिखावा
दिखता है आकाश मे
चारो तरफ धुआँ धुआँ
ऐसा लगता है बादलों ने
आज जम कर पानी पिया
पेड़ों ने भी सोचा चलो
ज़रा खुद को सँवारते हैं
साफ सुथरे होकर जल मे ही
अपना प्रतिबिम्ब निहारते हैं
अपनी सुन्दरता पर इठला रहे हैं
सीधा खड़े होकर खुद को दर्पण
मे देख देख कर इतरा रहे हैं
मौसम का मतवालापन चारो तरफ दिखता
पौधों का रंग भी ज़रा सा बदला बदला सा दिखता
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वाह प्रकृति के वर्णन के साथ ही साथ अपने भावनाओं को भी खूबसूरती से व्यक्त किया है।
धन्यवाद 😊