तस्वीर मे देखा उफनती हुयी नदी मे
प्रबल वेग से बहता हुआ जल…..
बहाव की प्रबलता ज़रा सा भय ला रही थी…..
तस्वीर के भीतर से ही…..
प्रबल वेग के स्वर से कानों को अपनी
गूंज सुना रही थी…..
जल के वेग को देखकर मन के साथ-साथ
दिमाग भी चल दिया…
जल के बारे मे सोचने पर मजबूर कर गया…..
जल होता है अनमोल….
लिखो या बोलो तो होता है….
सिर्फ दो अक्षरों का ही तो है बोल……
जल के बारे मे गंभीरता से सोचने पर आती है ये बात
सच मे जल है अनमोल….
“जल बिन जीवन सूना”की बात
सोलह आने सही है….
ऐसे ही नही ज्ञानी लोगो ने ये बात बोली है…..
शरीर मे बहता हुआ रक्त बिन जल के कैसे बह पायेगा……
चलता फिरता हुआ इंसान कुछ ही समय मे थम जायेगा….
दिमाग भी बहता हुआ जलस्रोत के पास पहुँच गया…..
भटकता हुआ समुद्र के पास जाकर अटक गया…
कितना अथाह जल समुद्र के भीतर समाया होता है…..
रंग नीला अपनी लहरों के भीतर ये समुद्री जल
भी पता नही क्या क्या छुपाया होता है…..
ये समुद्र का चंचल जल ही तो होता है….
सूर्यास्त के समय अपने भीतर सूरज को छुपा लेता है….
भोर होते ही छुपाये हुए सूरज को चुपके से
बाहर निकाल देता है…..
कितना प्यारा प्रतिबिम्ब अपने भीतर
सूर्य को दिखाता है…
जल मे अपने प्रतिबिम्ब को देखकर
सूरज भी शर्माता है….
शर्माते हुये लालिमा को ओढ़ लेता है……
इसी लालिमा को नीले आकाश के साथ-साथ
समुद्र के जल मे भी छोड़ देता है….
ये सूर्य अपना प्रतिबिम्ब सिर्फ समुद्र मे ही नही देखता….
नदी,झील, तालाब, कुण्ड और जोहड़ को भी
अपना दर्पण समझता है….
कितने सारे जलस्रोतों को हमने खो दिया….
जलस्तर को जमीन के भीतर ज्यादा
गहराइयों मे जाने पर मजबूर कर दिया….
जल की शीतलता मन को शांत करती है….
झरने हो झील हो या तालाब हर जगह कुछ कहती है….
समझ लो समय रहते हमारी उपयोगिता…..
करना न कभी हमारे अस्तित्व के साथ कोई समझौता….
( समस्त चित्र internet के द्वारा )
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बिन पानी सब सून।अगर हम इस बात को अभी तक नहीं समझ पाए तो आने वाली पीढ़ी सिर्फ तस्वीर में ही जलस्रोतों को देख पाएगी।