दुकानों मे सजी हुई रंग बिरंगी चूड़ियाँ
रंगों की छटा बिखेरती हुई दिखती हैं…..
ध्यान से देखो तो बिना हिले डुले भी
खनकती हुई सी लगती हैं…….
कितनी यत्न से सँभली हुई सी
नजाकत की मारी दिखती हैं……
दिखते हैं इनके रंग तमाम……
कहीं हरी,कहीं पीली,नीली
तो कहीं दिखती हैं,चमकीली लाल…..
चूड़ियों से सजे हाथ आकर्षक दिखते हैं…..
अगर रंग मिले परिधानों से तो अलग ही
सौंदर्य बिखेरते हैं…..
खिलखिलाते हुए रंगों से सजी हुयी चूड़ियाँ ……
आकार लेने से पहले निर्माण के
कई स्तरों से गुजरती हैं…….
देख कर बिल्कुल नही लगता कि रेत को
समेटकर आकार मे ढलती हैं……
काँच की चूड़ियों के अलावा सोने चाँदी
सीप या लाख की भी चूड़ियाँ बनती हैं……
हमारे देश मे कुछ जगहें तो ऐसी हैं
जहाँ महिलाओं के हाथों मे
हड्डियों से बनी हुयी चूड़ियाँ भी सजती हैं…..
चूड़ियों के प्रकार भी बोल जाते हैं……
चुपचाप से अपना मुँह खोल जाते हैं…….
चूड़ियों को बनाने मे उपयोग मे आने वाले पदार्थ…….
अलग-अलग प्रदेश की पहचान करा जाते हैं……
हमारे समाज मे चूड़ियों को सौभाग्य
के साथ जोड़ा जाता है……..
चूड़ियाँ पहने हुए हाथों को संस्कार और परंपरा
के साथ देखा जाता है………
चूड़ियों की खनक बड़ी प्यारी होती है…..
कई कवियों की कविताओं मे इनकी
खनक सुनायी पड़ती है……
महिलाओं के सौंदर्य से जुड़े होने के अलावा
ये चूड़ियाँ उनके मजबूत इरादों को भी दिखाती हैं……
इतिहास के पन्नों के अनुसार……
छुद की गरिमा और अस्तित्व को सहेजने के लिए….
इन चूड़ी वाले हाथों ने ही निकाली थी
म्यान से लहराती हुई शमशीर…..
इतिहास गवाह है कि चूड़ियाँ योद्धाओं को
ललकारने के लिए भी काम मे आयी हैं….
सामान्य तौर पर चूड़ियों को समाज
कोमलता और सौंदर्य के साथ ही जोड़ता है…..
भूल जाता है हमारा समाज कि इन्हीं चूड़ियों वाले हाथों से
समाज पाला और पोसा जाता है……
( समस्त चित्र internet के द्वारा )
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colourful Bangles…..beautiful…
☺☺