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घनी काली घटाओं के बीच में
राग मल्हार के साथ सुरों को
थिरकते हुए सुना…
उन्हीं काली घटाओं को आकाश मे
उमड़ते और घुमड़ते हुए देखा….
आकाश मे काले मेघों को थिरकते
हुए देखा…..
अचानक से मयूर दिख गया….
काली घटाओं को देखकर
मयूर की थिरकन दिखी…..
देख कर मनोहारी दृश्य
मन मयूर भी थिरक गया…..
प्रकृति की सुन्दरता के बीच में
ज़रा सा उलझ गया…..
प्रकृति की खूबसूरती गहरी नींद के दौर मे थी….
आसपास मे कोई चहल पहल नही थी……
सोते सोते ही मेरी आत्मा ने आत्मविश्वास के साथ
ज़रा जोर से थपथपाया मुझे…..
गहरी नींद के दौर से जगाया मुझे….
अधखुली आँखों मे ही चार बातें सुनाया मुझे…..
आत्मविश्वास को गहरी नींद मे क्यूँ सुलाया आपने….
सोते हुए आत्मविश्वास को ज़रा सा पहले क्यूँ नही जगाया आपने…..
मेरी आत्मा की थपथपाहट ने मुझे
प्रोत्साहित कर दिया…..
आश्चर्य के भावों के साथ मन ज़रा सा हैरान हो गया….
अपनी आत्मा के अंदर झाँक कर देखा
तो मेरा आत्मविश्वास मेरे साथ खड़ा था….
इतने दिनों से आलस्य मे पड़ कर कुम्भकरण के
समान सोया पड़ा था…..
क्रोध दिखाते हुए मुझसे बोला…
जीवन की आपाधापी के बीच मे मुझको सुला दिया……
खुद को निराशाओं के झूले मे झुला दिया……
अपने अस्तित्व को क्यूँ भुला दिया…..
बड़ी मुश्किल से गहरी नींद से जागकर आया हूँ…..
आपको कुछ नया सिखाने आया हूँ….
स्वार्थ और लालच के चक्कर मे मुझे मत सुलाइयेगा…..
अपने आत्मविश्वास को सबसे पहले सामने लाइयेगा….
सच्चाई और सकारात्मक विचारों को
आत्मविश्वास का सच्चा साथी बनाइयेगा….
अभिमान और लालच को हमेशा दूर रखियेगा….
लेकिन हमेशा हमारी थपथपाहट को याद रखियेगा…
( समस्त चित्र internet के द्वारा )
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Wah
😊