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सर्द मौसम बरपा रहा है सर्दी का कहर
लेकिन गंगा नदी के किनारे सर्द हवायें भी
हो रही हैं बेअसर
क्यूँकि भीड़ के उत्साह मे नही दिख रहा
सर्द मौसम का असर
भीड़ के साथ मौजूद हर इंसान दिख रहा है चैतन्य
पूरे देश मे दिख रहा है गंगा नदी के किनारे जन सैलाब
कुछ और नही ये है मकर संक्रांति के अवसर पर
गंगा किनारे श्रद्धा का सैलाब
सैलाब के साथ आया हर इंसान चाहता
अपनी आस्था के साथ गंगा मे स्नान
कहीं उमड़ती हुयी भीड़ दिखती गंगा सागर के किनारे
कहीं सैलाब दिखता हरिद्वार, ऋषिकेश, देवप्रयाग
या प्रयाग के मुहाने
चारो तरफ दिख रहा है आस्था और भक्ति का
विहंगम दृश्य
हर इंसान चाहता है गंगा जी मे डुबकी के साथ
जाने अनजाने मे किये गये पापों से मुक्ति
जगह जगह देवालय सज गये
मंदिर मे रोशनियों के साथ-साथ
शुभ मुहूर्त भी जग गये
राजभोग और खिचड़ी के साथ
थालों मे प्रसाद सज गया
सूर्य के उत्तरायण मे प्रवेश करते ही
पूरे भारत वर्ष मे हर्ष और उल्लास दिख गया
स्नान और दान की हमारी यह परंपरा पुरानी है
इस त्योहार से जुड़ी हुयी अनेक पौराणिक कहानी हैं
जरूरी होते हैं इस तरह के व्रत और त्योहार
ध्यान से देखो तो प्रकृति और विज्ञान से
जुड़े होते हैं इनके चमत्कार
सूर्य का अपनी स्थिति बदलना
संपूर्ण सृष्टि को प्रभावित करता है
हमारा जीवन चक्र इन ग्रहों और नक्षत्रों के ऊपर
हमेशा निर्भर करता है
आस्था के सागर मे डुबकी लगाकर
व्यक्ति एक बार फिर से अपने मन को
साफ करने की कोशिश मे लग जाता है
सूर्य की स्थिति बदलने के साथ-साथ
अपने आप को शुद्ध विचारों और कर्मों के साथ
जोड़ता हुआ आगे बढ़ता जाता है
( समस्त चित्र दैनिक जागरण के द्वारा )
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Beautifully described .👌
😊