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बरसात के मौसम का प्रभाव
सारे “ब्रम्हाण्ड” मे दिखाई देता है।
क्योंकि बादलों के साथ आकाश
हमेशा “सुहाना” दिखता है।
लाल,पीले,गुलाबी,बैगनी
जैसे रंगों को अपनाकर
हमेशा आश्चर्य मे डाल जाता है।
बादलों के साथ हमेशा अपनी दोस्ती
निभाता है।
ये आकाश भी दिन की रोशनी को
कभी बादलों की छाँव मे कम करता है
तो कभी बढ़ाता है ।
सूरज चाँद और तारों के साथ हमेशा
“लुकाछिपी” का खेल खेलता जाता है।
चंचल बादल भी हमेशा
अपनी मस्ती मे रहते हैं
हमेशा अपनी “मस्तमौला”
चाल चलते रहते हैं।
इनकी मस्ती को हमेशा पवन की गति
नियंत्रण मे लाती है ।
घनघोर काले बादलों को
अपनी तीव्र गति से
कभी दूर उड़ा ले जाती है।
तो कभी दूर से उड़ाकर
पास मे लाती है।
“सुदूर” आकाश मे काले बादलों
को उड़ते देखा।
उन्हीं काले बादलों की “ओट “मे
चाँद को छुपते देखा ।
मन मे आया एक बेतुका सा ख्याल
क्यूँ न इन बादलों को यही “समेट”लेते हैं।
लेकर एक बड़ी सी चादर उसी मे
“लपेट”लेते हैं ।
बादलों के साथ हो सकता है
कुछ तारे भी आ जायें ।
चादर को खोलते ही
मेरे पास आकर मुस्कुरायें।
मेरी आँखों के सामने
जोर से “टिमटिमाये”।
तब पूछूंगी उनसे तमाम सवाल ।
आकाश मे बैठकर मचाते हो
बड़ा “धमाल”।
दूर से ही आँखें दिखाते हो ।
अच्छा अब ये तो बताओ ।
इतनी ऊँचाई पर कैसे “टिमटिमाते” हो।
अच्छा किया चादर मे सिमटे हुए
बादलों के साथ आ गये।
पास आकर अपनी रोशनी से
मेरी आँखों को जगमगा गये ।
बादलों से पूछा मैने प्यार से एक सवाल
ऐसे ही तफरीह करते रहते हो
हमेशा अपनी ही मस्ती मे रहते हो।
मौसम बरसात का है
अब तो बरस जाओ।
मानसून का समय खिसकने से पहले
एवं पवन की गति तीव्र होने से पहले
अपनी उपयोगिता तो दिखा जाओ।
( समस्त चित्र internet के सौजन्य से )
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बरसात और आसमान का सौंदर्यमय चित्रण .
धन्यवाद 😊