बड़ा अजीब सा यह फ़साना है…….
इतिहास के पन्नों को देखो या
भूत, भविष्य और वर्तमान काल की बात सोचो तो
इंसानियत की आड़ में दुश्मन जमाना है……
मुखौटों का तो मत पूछो हाल…..
बदली हुई सी दिखती है…..
तरह-तरह के मुखौटों के पीछे
इंसान की चाल……
इतिहास की पोथियां
भूतकाल की बात बताती हैं……
चाहे राज्य किसी का भी हो…..
शासक कोई भी हो…..
हर जगह मुखौटों के पीछे छल,छछंद
और तिकड़म की बात चीख-चीख कर बताती हैं……
समझ में नहीं आता कि जहर में
डूबा हुआ किरदार क्यूं है?…..
संचार माध्यमों में खबरों का ये हाल क्यूं है?….
समाज में चारो तरफ झूठ,फरेब और
व्यभिचार क्यूं है?….
ऊपर से सजा संवरा सा दिखने वाला
देश,समाज और संसार……
अंदर से इतना खोखला क्यूं है…..
सरहदें जमीं पर हो,हवा में या पानी में…..
वो भी इस हाल से जुदा तो नही…..
सब्जी भाजी जैसे कटते मरते जवान और सामान्य इंसान भी….
राजनीति की भेंट चढ़ जाते हैं……
संवेदनाओं के आंसू बहाने की बात को भी….
कथित संभ्रांत वर्ग भूल जाते हैं……
चारो तरफ जमाने को देखो तो…..
यही हाल दिखता है…..
मानवीय संवेदनाओं और इंसानियत के मामले….
में समाज खस्ताहाल दिखता है…..
समाज और देश के लिए कुछ करने से पहले इंसान….
ठिठकता और संभलता है……
हर कोई अपना हित सबसे पहले देखता है…..
खुद का दृष्टिकोण ही सही,यह बात हर हाल में सही नही…
जहां कुछ करने की होती है, चाह …..
वहां दिख जाती है,संघर्ष के साथ
आगे बढ़ने की, राह…..
बस आत्मनिरीक्षण करने की राह अपना ले……
छिद्रानिवेषण की आदत को ज़रा सा परे हटा ले……
जमाने को देखकर अपनी धारणा
मत बना राही……
हर किसी का जीवन कभी जल प्रपात सा…..
कभी सैलाब सा…..
तो कभी नदिया की धार सा…..
धर्म, जाति और संप्रदाय के दायरे में….
इंसानियत व मानवता बंध नही सकती……
सकारात्मक सोच के साथ जीवन की नैया
हिचकोले खा सकती है…..
लेकिन पलट नही सकती……
इतना तो कर ले खुद पर विश्वास…..
ईश्वर की मर्जी तो जीवन पर हमेशा चलती है….
पास आती हुई मृत्यु भी दूर जा कर ठिठकती है…..
नन्हा सा पौधा भी धरा के प्यार और दुलार
के बिना पनप नही सकता……
मुखौटों के अलावा भी जीवन से भरपूर बातें
आश्चर्य में डालती हैं……
पेड़ पौधों और फूलों के बीच में…
प्रकृति की सृजनशीलता भी अचंभित करती जाती है….
सकारात्मक सोच के साथ कुछ सार्थक करने के लिए
पनपे विचारों को……
जमाना सहयोग के साथ आगे बढ़ा सकता है…..
नकारात्मक सोच में डूबे हुए देश और समाज को…..
छोटी सी पहल से,मुख्य धारा के साथ ला सकता है….
(सभी चित्र इन्टरनेट से)
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बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है सकारात्मक सोच का।
सच्चे मन से प्रस्तुत किया गया है यह लेख।