बदला हुआ सा मौसम…
बदली हुई सी बात…
है तिरंगा वही ,लेकिन !
बदले हुए जज्बात…..
थमी सी दिख रही थी
बहते हुए आँसूओं की धार…..
जो मुस्कान ! खो गई थी…..
शोक और आँसुओं के भीतर
सो गई थी …..
शहीदों के परिवार जनों के चेहरे पर
नज़र आ गई …..
बात दिल को, ज़रा सी सुकून की
बतला गई ….
दिख रहा है देश …..
शौर्य, गर्व और सम्मान के साथ….
भारत भूमि दिख रही है…..
वायु सेना की ,कर्मपरायणता और साहस के साथ….
बात जब वतन की मिट्टी,और सौगंध की आती है…..
सामान्य देशवासियों के हृदय मे भी….
देशभक्ति और वीरता की लहरें.….
हिलोरे मारती नज़र आती हैं…..
मायूस सा दिख रहा था,कुछ दिनो पहले जो तिरंगा !
गर्व के साथ आज लहरा रहा है…..
शहीदों के सम्मान की बात…..
अपनी भावभंगिमा से ही
बतला रहा है…..
कार्तिक मास के आये बिना ही
दीपावली सा उत्साह दिख रहा है…..
होली बिना ही फाल्गुन मास !तिरंगे के साथ…
रंग खेलता हुआ दिख रहा है….
न थी ये रणभेरी…
न थी पड़ोसी देश के लिए
अबूझी सी पहेली…..
न तो थी पीछे से हमले की
कोई बात ….
कायराना न था, हमारे सैनिकों का अंदाज
जो दिख रहा था….
वो सामने नज़र आ रहा था….
देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए ….
वायु सेना की, वीरता की बात, बतला रहा था….
(सभी चित्र दैनिक जागरण से )
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