मेरी इस कविता को मेरी आवाज मे सुनने के लिए आपलोग इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।
मुस्कान होती है चेहरे की शान…..
कराती है व्यक्ति के व्यक्तित्व की पहचान…..
प्रकृति का दिया हुआ हर किसी के पास
स्वस्थ शरीर होता है…..
ज्ञाननेन्द्रीय के अलावा विकास के क्रम मे
कुछ उपयोगी लेकिन कुछ अनुपयोगी अंगो
के साथ सजा होता है…..
विकास ने तो काम गज़ब कर डाला….
इंसान को कितना बदल डाला. …
आदिम युग से इंसान कितना
आगे निकल आया….
पीछे मुड़कर विकास के क्रम को देखो….
अब खुद को उधर मत भेजो…..
बस तस्वीरों की तरफ ज़रा गंभीरता
के साथ अपनी नज़रों को फेरो….
आश्चर्यजनक सी एक बात नज़र आती है
इंसानों के चेहरे पर हमेशा भाव शून्यता
ही नज़र आती है…..
तस्वीरें दिखती हैं हमेशा एक कठोर भाव के साथ
करता रहता है इंसान,जानवर बन कर जानवरों का शिकार…..
या तो करता रहता है अलग अलग प्रकार के
हथियारों का निर्माण…..
चेहरे पर हमेशा क्रूरता का भाव सजा रहता है…..
विकास के क्रम मे मानव हमेशा बेतरतीब सा
बिखरा हुआ सा दिखता…..
धीरे धीरे समय आगे बढ़ता दिखा……
मानव अनाज की उपज के साथ मिट्टी से जुड़ा…..
मिट्टी से नन्हे-नन्हे पौधों को पनपते देख…..
भाव शून्य चेहरे पर प्रसन्नता का भाव दिखता…..
जैसे-जैसे जंगलीपन का स्वभाव बदलता दिखा……
शरीर के अंगों ने भी अपने काम काज को बदला…..
दाँतों का पैना होना,नाखूनों का बेतरतीब तरीके से बढ़ना
वही पर रुक गया…..
क्योंकि विकास का क्रम ज़रा सा आगे बढ़ गया…..
देखते देखते ही तस्वीर बदल जाती है…..
जानवर जैसी काया के पीछे छिपी हुई
सभ्य सी आकृति नज़र आती है…..
इंसानों के चेहरे पर अलग-अलग भाव
नज़र आते हैं……
तस्वीरों मे दिखते हुए इंसान प्यारे सभ्य
और सुंदर नज़र आते हैं……
मुस्कान मन की खुशी के कारण उपजती है……
कितने इंसानों के भीतर चुपचाप पड़ी सोती रहती……
इंसान मुस्कान से अपने को सजा हुआ दिखाने
मे हमेशा कंजूसी दिखाता है……
हमेशा अपने आप को ज़रा सा हैरान ज़रा सा परेशान
वाले भावों के साथ दिखाता है……
इस तरह के भावों के साथ खुद को नकारात्मक विचारों
की तरफ ले जाता है……
जरूरत सिर्फ ठहाकों की ही नही होती…..
छोटी सी मुस्कान को चेहरे पर सजा कर तो देखो…..
नकारात्मक विचारों के दरिया से बाहर आकर तो देखो…..
जानवर से लेकर इंसान तक मुस्कुराता नज़र आता है…..
आकाश को देखो तो चाँद और सूरज भी मुस्कुराता है….
( समस्त चित्र internet के द्वारा )
0 comment
Nice interpretation of theory of evolution
Thanks😊