भागते हुए रास्ते भी बड़े अजीब से होते हैं…पैदल चलिए या हो किसी वाहन का साथ…या हो आरामतलबी के अंदाज के साथ टहलता घूमता हुआ इंसान….
ये रास्ते भी साथी बन जाते हैं….पैदल चलता हुआ इंसान ज़रा सा सावधानी पूर्वक कदम बढ़ाते हुए भीड़ भाड़ के बीच में अपनी सैर को पूरा करता है…..
वहीं जब हो किसी न किसी वाहन का साथ….. स्टेयरिंग व्हील पर न हो खुद का हाथ…. तब रास्ते सच्चा साथ निभाते दिखते हैं …. बिना शब्दों के ही बातें करने लगते हैं….
तमाम तरह की गाड़ियां सड़कों पर डोलती हैं…..तरह तरह के स्वरों को कानों में घोलती हैं…..
टायरों का आकार,प्रकार और संख्या गाड़ियों के बारे में और उसकी उपयोगिता के बारे में बिना बोले ही जुबां खोल जाती है…..
कहीं कोई गाड़ी अपनी लंबी चौड़ी भीमकाय काया लेकर ट्रक, ट्रेलर या बस कहलाती है तो कोई गाड़ी दैनिक जरूरतों के मद्देनजर या शौक पूरा करने के इरादे से रास्तों पर भागती हुई दिख जाती है……..
किसी गाड़ी ने नज़ाकत के साथ अपनी गति को ज़रा सा बढ़ाया…. तो कहीं से बेफिक्री से चलती हुई गाड़ी ने अपने को आगे निकालने के चक्कर में जोर से हार्न बजाया ….
नन्हे पौधे खिलखिलाते हुए एक दूसरे से गले मिलकर बातें करते हुए दिखते हैं…. वहीं रास्तों के दोनों तरफ खड़े वृक्ष शांत और विचार मग्न होकर सड़कों पर होने वाली भागमभाग के कारण लंबी लंबी सांसे भरते दिखते हैं……
तेजी से भागती हुई गाड़ी के साथ दिन की रोशनी में सूरज आकाश में होते हुए भी साथ साथ चलता दिखता है…. वहीं रात की रोशनी में सफर करने पर चांद साथ में दौड़ता भागता दिखता है…..
ऐसा लगता है मानो आकाश हमारे वाहनों से प्रतिद्वंदिता कर रहा हो …..कार, बस, ट्रेन,हवाईजहाज की खिड़कियों से दिखते हुए नज़ारों के अनुसार….. धक्का मार मार कर सूर्य और चंद्रमा को हमारे वाहनों से आगे कर रहा हो…..
देखते ही देखते बादलों को जोश आ जाता है…. दिन में सूरज और रात को चंद्रमा को छुपाने की कोशिश में बादल दौड़ते भागते नजर आते हैं…… अचानक से बादलों के बीच में हवाई जहाज नज़र आता है….
सूर्यास्त के समय की लालिमा के बीच में आकाश में उड़ते हुए ये शांत और सौम्य नज़र आते हैं….. ऐसा लगता है मानो बादलों के बीच में तैर रहे हों सूरज के पास पहुंच कर अपने मुंह से शब्दों का पिटारा खोल रहे हों…..
सफर के दौरान बाजार की चहल-पहल नजर आती है….दिन की रोशनी में बाजारों की रौनक अलग और रात में चमचमाती हुई नकली रोशनी में अलग नजर आती है….कोलाहल इन बाजारों के बीच में सुनाई पड़ता है…. कहीं सामान की उठा-पटक तो कहीं व्यक्ति मोलभाव करता हुआ दिखता है…..
रास्तों पर मिलते हैं अगर,कृत्रिम रूप से सजाये संवारे हुए फव्वारे या झरने तो अचानक से विचारों का क्रम परिवर्तित हो जाता है……बहता हुआ जल मन को शांत करता है… ऐसा लगता है मानो कह रहा हो …..जल के बहाव में जीवन को देख लो……. जीवन जल के जैसा ही तो होता है ठहरा हुआ जल शांत सा लगता है…..
पानी का फव्वारा हो या हो जलप्रपात सजीव सा दिखता है…..मन में उत्साह और उमंग को भरता है……
गाड़ी की खिड़की से आकाश को देखा तो सूरज बादलों के पीछे अपने को छिपा रहा था….. पक्षियों का झुण्ड अपने पंखों को फैलाकर अपने अपने ठिकानों पर वापस आ रहा था…यात्रा सिर्फ मनुष्यों की ही नहीं परिंदों की भी चल रही थी …..
अंतर सिर्फ इतना था कि मनुष्य वाहनों की गति के साथ भाग रहा था….. परिंदे अपने पंखों के दम पर यात्रा पूरी करने की कोशिश उत्साह के साथ कर रहे थे…..
(सभी चित्र इन्टरनेट से)
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Nice and the best part Birds does not require Visa or passport to travel.
Thanks😊….सच में प्रकृति भी बड़ी अजीब है ..जहां वीसा और पासपोर्ट जैसी चीजें पक्षियों को यात्रा करने से रोक नही सकती😊