Life And Its Stories
  • Motivation
  • Mythology
  • Political Satire
  • Spirituality
Life And Its Stories
  • Travel
  • Women’s Rights
  • Daily Life
  • Nature
  • Short Stories
  • Poems
  • Audio Stories
  • Video Stories
  • About Me
  • Contact
  • Motivation
  • Mythology
  • Political Satire
  • Spirituality
Life And Its Stories
  • Travel
  • Women’s Rights
  • Daily Life
  • Nature
All

मेट्रो की कहानी जानी पहचानी 

by 2974shikhat September 20, 2017
by 2974shikhat September 20, 2017

​        

Spread Positivity

               रात की गहराई,चंद्रमा की चतुराई…
             तारों का टिमटिमाना,आकाश की कालिमा…
             ये सब सूर्यास्त के बाद की कहानी होती है…

                         कुछ जगहें ऐसी होती हैं…
                  जो रात मे भी दिन का बोध कराती हैं…
                   जगमग जगमग करके जगमगाती हैं…
                              ज़रा सा इठलाती है..
                       अपना मतवालापन दिखाती है..

              जगमगाती हुई रोशनी रात मे भी जीवन का एहसास कराती है…
              रात की कालिमा को चीरकर गर्व के साथ खड़ी दिख जाती है…

                     ऐसी जगहों का तो पूछो मत नाम…
                क्योंकि महानगरों मे ऐसी जगहें है तमाम…

                    मुझे तो मेट्रो के साथ मेट्रो स्टेशन भा गया…
                  चमचम करता हुआ मेरी आँखों मे समा गया…

           

Spread Positivity  

                     कितनी भागदौड़ दिखती है…

                हमेशा बस आगे निकलने की होड़ दिखती है..

                रोशनी के बीच मे चारों तरफ भीड़ के झुण्ड दिखे…
         ज़रा सा ऊँचाई से देखा तो चारों दिशाओं मे हिलते हुए नर मुण्ड दिखे….

                       निःसंदेह मेट्रो सुविधाजनक होती है….
               सुबह की उठी हुई बेचारी देर रात तक नही सोती है….

                 प्लेटफार्म पर पहुँचने से पहले जोर से चिल्लाती है…
                  तीव्र रोशनी फेंककर अपनी आँखें भी दिखाती है…

                  मेट्रो के अंदर प्रवेश करते ही भीड़ तमाम दिखती…
                  दिनभर के काम धाम के बाद तल्लीनता के साथ
                  आरामतलबी मे कभी-कभी इंसानियत भी दिखती….

                     

Spread Positivity

       हाथों  मे फोन,कानों मे हेडफोन…

                  दिखती हर व्यक्ति की बुद्धि पता नही किस दुनिया मे गोल….

                              किसी के पास होती हैं बातें तमाम….
                     रहता नही उन्हें आस पास बैठे लोगों का ध्यान….
           बस इसी कारण से होता है पास मे बैठे लोगों के कानो का बुरा हाल…

                 रुकते ही मेट्रो की गति जन सैलाब सा निकलता है…
                          एक निश्चित दिशा की तरफ बढ़ता है….
                 देखते ही देखते अलग-अलग दिशाओं मे जा छिटकता है…..

Spread Positivity

(समस्त चित्र internet के द्वारा ) 

Delhi MetroReality of life
0 comment
0
FacebookTwitterPinterestEmail
2974shikhat

previous post
बच्चों की कल्पना और नव सृजन 
next post
बाज़ार की सैर

You may also like

Ek Kopal Se Mulakaat

September 10, 2020

Krishna janmashami podcast

July 22, 2020

बाल मनोविज्ञान और बेलगाम आवेग

October 10, 2019

त्योहार के रंग,विदाई और मिलन के संग

October 8, 2019

शहीदों की शहादत को सलाम

July 26, 2019

बात उपयोगी मिट्टी की

July 22, 2019

गोत्र और पर्यावरण संरक्षण की बात ,गुमशुदा मानसून...

July 15, 2019

भारतीय राजनीति का, नया अध्याय

July 12, 2019

रेगुलेटर या नियंत्रक!

June 25, 2019

विश्व पर्यावरण दिवस और ,वायु प्रदूषण की बात

June 5, 2019

0 comment

Rekha Sahay September 22, 2017 - 3:30 am

क्या खूब जीवंत वर्णन किया है मेट्रो की .

Mrs. Vachaal September 22, 2017 - 4:31 am

अगर आप ने दिल्ली मे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का कभी उपयोग किया है तो तुलनात्मक रूप से मेट्रो का उपयोग करना काफी सुविधाजनक लगता है
और जब दिमाग ज़रा हल्का होता है तो विचारों के साथ कविता या कहानी बन जाती है …तारीफ करने के लिए धन्यवाद 😊

Rekha Sahay September 22, 2017 - 4:49 am

जी , 1-2 बार मौका मिला है . इसलिये तो आपके जबरदस्त अभियक्ति को समझ सकी .

About Me

About Me

कहानी का दूसरा पहलू मेरी दुनिया में आपका स्वागत है

मेरे विचार, और कल्पनाएं… जीवन की छोटी-छोटी बातें या चीजें, जिनमे सामान्यतौर पर कुछ तो लिखने के लिये छुपा रहता है… एक लेखक की नज़र से देखो तब नज़र आता है … उस समय हमारी कलम बोलती है… कोरे कागज पर सरपट दौड़ती है.. कभी प्रकृति, कभी सकारात्मकता, कभी प्रार्थना तो कभी यात्रा… कहीं बातें करते हुये रसोई के सामान, कहीं सुदूर स्थित दर्शनीय स्थान…

Popular Posts

  • 1

    The story of my Air conditioners

    September 10, 2016
  • 2

    विचार हैं तो लिखना है

    October 4, 2020
  • 3

    उत्तंग ऋषि की गुरुभक्ति (भाग1)

    November 11, 2020
  • PODCAST-जंगल का साथ बहुत सारी बात

    October 13, 2017
  • 5

    “कृष्ण जन्माष्टमी की बहुत सारी शुभकामनायें”

    August 12, 2020

Related Posts

  • Ek Kopal Se Mulakaat

    September 10, 2020
  • Krishna janmashami podcast

    July 22, 2020
  • बाल मनोविज्ञान और बेलगाम आवेग

    October 10, 2019
  • त्योहार के रंग,विदाई और मिलन के संग

    October 8, 2019
  • शहीदों की शहादत को सलाम

    July 26, 2019

Keep in touch

Facebook Twitter Instagram Pinterest Youtube Bloglovin Snapchat

Recent Posts

  • The story of my Air conditioners

  • कथा महाशिवरात्रि की

  • माँ अब नही रहीं

  • सैरऔर चिर परिचित चेहरे

  • बदलेगा क्या हमारा शहर ?

  • समझो तो पंक्षी न समझो तो प्रकृति

  • पुस्तकालय

Categories

  • All (211)
  • Audio Stories (24)
  • Daily Life (135)
  • Motivation (47)
  • Mythology (16)
  • Nature (33)
  • Poems (61)
  • Political Satire (2)
  • Short Stories (184)
  • Spirituality (20)
  • Travel (25)
  • Women's Rights (8)
  • Facebook
  • Twitter
  • Instagram

@2019-2020 - All Right Reserved Life and It's Stories. Designed and Developed by Intelligize Digital India