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शिक्षा, व्यापार,परिवार के साथ समाज
आगे बढ़ चला…..
महानगर,शहर,गाँव और कस्बों
के बीच मे देश बँटा….
हर कोई अपनी जरूरत और योग्यता
के मुताबिक काम काज मे जुटा……
हर शहर मे होता है सजा हुआ बाजार……
बाजार मे होती है तरह तरह की दुकान…..
किसी का मन जगह जगह घूम कर खुश हुआ…..
तो कोई पारंपरिक खाने के दायरे से ज़रा सा बाहर निकला…..
हर जगह के खाने का स्वाद अलग-अलग होता है……
खाने की जगहों पर तमाम भीड़ जुटती है……
स्वादिष्ट खाने के बगैर जीभ की जरूरत भी कहाँ थमती है……
ये मिठाई की दुकान भी बड़ी कातिल सी जगह होती है…..
कितनी तरह की मिठाईयाँ एक ही दुकान मे सजती है……
इन मिठाईयों को देखकर दिमाग अपने तेवर दिखाता….
दिमाग के तेवर दिखाने के बाद भी संदेश हो या घेवर
अपने पास बुलाता….
मन बेचारा असमंजस मे पड़ जाता….
कभी जलेबी या इमरती के पास डोलता….
तो कभी छेने की मिठाई के लिए बोलता….
इधर-उधर चारो तरफ दिखता मिठाइयों का संसार…..
सारी मिठाइयों के साथ निभाना पड़ता है सामाजिक लोकाचार…..
गुलाब जामुन और रसमलाई की तरफ आँखें घूमी….
गाजर के हलवे की तश्तरी बीच मे डोली….
दोस्ताना अंदाज के साथ हमसे बोली…..
पूरे साल तो लिया होगा आपने
इन मिठाईयों का स्वाद…..
आइये चलिये अब हमारे साथ….
दूर से देखा बेकरी की दुकान
मिठाई की दुकान के बगल मे ही खड़ी
मुस्कुरा रही थी……
अपनी तिरछी नज़रों से हमे बुला रही थी…..
पास मे जाते ही हमे समझाने लगी…?
आखिर क्यूँ खाती हैं आप चीनी से भरी हुई मिठाई…..
हमारे पास आइये यहाँ मिलेगी आपको
स्वादिष्ट चाकलेट, पेस्ट्री और पाई……
आप चाहें तो कम कैलोरी वाली भी बनवा सकती हैं……
चाशनी मे भीगी हुई जलेबी और इमरती के स्वाद को
अपने से दूर भगा सकती हैं….
दिमाग और मन ने कभी कभी ही दिखने वाली
अपनी अटूट दोस्ती को निभाया…..
सौहार्दपूर्ण वातावरण मे आगे की राह दिखाया……
बेकरी की दुकान से बोला…..
आप की बातों को अपने सिर आँखों पर रखते हैं….
मौसम और उत्सव के मुताबिक
जीभ के साथ केक और मिठाई का
स्वाद चखते हैं….
( समस्त चित्र internet के द्वारा )
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बड़ा स्वादिष्ट लगा यह विषय। ऐसा लगा जैसे कि घर बैठे मिठाई मेले में सैर कर रहे हैं।
मिठाई की दुकान पर जाने पर हमेशा ऐसा ही अनुभव होता है😊
I love jalebi
Me too.
😊