ज्यादा पुरानी नही कल की ही तो बात है…..
भोर की किरणों के साथ छिटकी तेज धूप…
वातावरण में उमस के साथ-साथ….
तपन का एहसास करा रही थी….
बिना किसी श्रम के अविरल पसीने
को बहा रही थी…..
बिना कुछ बोले ही बारिश की बूँदों के
आसपास होने का एहसास करा रही थी…..
जनमानस हैरान और परेशान था……
बरसात के मौसम मे भी बरसात का
नामो निशां नही था……
श्रावण मास के पास आते ही बादलों का
मिजाज बदल जाता है…..
आकाश मे समय बेसमय मेघों का
जमावड़ा नज़र आता है…..
हर उम्र के लोगों की नजरें
आकाश की तरफ फिर जाती हैं….
इन्हीं श्यामल मेघों के भीतर ही…
बचपन की बारिश की बूँद, छिपी नज़र आती है……
बारिश की झड़ी को देखकर इंसानों के साथ-साथ
प्रकृति भी हर्षित नज़र आती है…….
बड़े वृक्षों के साथ साथ, कोमल वनस्पतियाँ भी….
कभी हंस रही थी, तो कभी खिलखिला रही थी…
परिंदों की उड़ान भी ज़रा थमकर…..
बारिश की बूँदों को देखते हुए….
छज्जों को गुलज़ार करती जा रही थी….
बच्चों की मस्ती और कागज की कश्ती……
बरसात के पानी मे तैरती नज़र आती है…….
ध्यान से देखने पर, बारिश की बूँदों से
बचने की कोशिश करते हुये…..
युवाओं और बुर्जुगों के भीतर भी…..
बचपन की बारिश छुपी नज़र आती है……
निश्चित तौर पर हर किसी के भीतर
नन्हा सा बच्चा छुपा होता है……
बारिश की बूँदों को देखकर
हर्षित होता है…..
बरसाती पानी के तालाबों मे…..
तैरती हुई कागज की कश्तियों के बीच मे….
बचपन की बारिश को खोजता है……
आकाश मे छायी हुई काली घटायें ….
बारिश की बूँदों के साथ धरा पर उतरती हैं…….
काली घटाओं और, आफतों की तो छोड़ो बात……
हर मौसम मे रहता है,आफतों और जीवन का साथ….
बारिश की बूँदों के साथ हर उम्र का इंसान ……
खुद को प्रफुल्लित महसूस करता है……..
बारिश की बूंद रूपी ,प्रकृति के अनमोल तोहफे को
धरा भी स्वीकारती है…….
देखते ही देखते जलस्रोतों को स्वच्छ जल से
भरती जाती है …
नन्ही नन्ही बूँदों की शीतलता ……
हर किसी के भीतर उमंग और उत्साह भरती जाती है….
(सभी चित्र internet से )
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aap bohot khoobsurat likhte hain <3