(चित्र दैनिक जागरण के द्वारा )
प्रकृति का अद्भुत रूप दिखता है….
कहीं बीज मे सोता है…..
कभी ओस से वनस्पतियों को
कोमलता के साथ भिगोता है….
प्रकृति का कितना आश्चर्यजनक रूप
बदलता हुआ मौसम दिखा जाता है….
कश्मीर की वादियों को देखो…..
चिनार के पेड़ लाल रंग की पत्तियों से
भरे नज़र आते हैं….
ऐसा लगता है आकाश की लालिमा
इन पत्तियों पर उतर आयी….
अपनी रक्तिम आभा से इन पेड़ों को सजायी…..
पेड़ों से गिरे हुए ये पत्ते धरा को लाल कर जाते हैं….
धरा पर गिरने के बाद भी प्रकृति की सुन्दरता मे
चार चाँद लगा जाते हैं….
पेड़ों से गिरने के बाद ये पत्तियाँ
सर्दी से बचने के काम आती हैं…..
अपनी लालिमा को आग की तपन मे राख कर जाती हैं…..
प्रकृति अनवरत रूप से अपना काम करती जाती है…..
शाखा से गिरी हुई पत्तियों की जगह कोमल
पत्तियों को पनपाती है…..
कश्मीर की वादियाँ प्रकृति की सुन्दरता को देखने
की सबसे बेहतरीन जगह कहलाती है….
इतनी खूबसूरत सी जगह पर धरा हमेशा
खून से क्यूँ रंग जाती है…
आतंकवादी गतिविधियाँ क्यूँ नही खत्म होती
नज़र आती है….
ये चिनार के पेड़ मूक खड़े होकर सब देखते हैं….
कभी कभी दुख और दर्द के साथ अपने मुँह
को खोलते हैं….
ऐसा लगता है जैसे बोल रहे हों……
हमे देखो हम नवसृजन करते हैं……
रक्तिम लाल पत्तों को गिराकर कोमल हरे पत्तों
को पनपाते हैं…..
क्यूँ नफरत की लालिमा फैलाते हो
कोमलता के साथ सुलझे हुये विचारों को क्यूँ
नही उपजाते हो…..
इतनी सुन्दर धरा को अब तो रक्त से मत रंगो….
छोड़ कर नफरत की आँधियों को
प्यार और भाईचारे से तो मिलो……
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क्यूँ नफरत की लालिमा फैलाते हो
कोमलता के साथ सुलझे हुये विचारों को क्यूँ
नही उपजाते हो…..
इतनी सुन्दर धरा को अब तो रक्त से मत रंगो….
छोड़ कर नफरत की आँधियों को
प्यार और भाईचारे से तो मिलो……
prakriti varnan ke sang sang kitna sundar sandesh apni kavita ke madhyam se diya hai……bahut khub.
मेरी कविता को पढ़कर मुझे प्रोत्साहित करने के लिए शुक्रिया 😊
Swagat apka..
प्रकृति और मानवीय संवेदना का सामंजस्य बहुत सुंदर ढंग से समझाया है।
प्रकृति मुझे हमेशा लिखने के लिए प्रेरित करती है।जब भी ध्यान से प्रकृति को देखती हूँ मानवीय संवेदना से जुड़ती जाती हूँ 😊
Beautiful poem!! How well your poem explained the power of love and how hatred can destroy!!
इतनी खूबसूरत जगह पर तो नफरत होनी ही नही चाहिये, मेरे विचार से चिनार के पेड़ कश्मीर मे यही बोलते है…😊