सच मे हमारे देश मे है,भाषाओं मे कितनी विविधता…….
उसके बाद भी दिखती है
चारो तरफ पांव पसारती हुयी आधुनिकता…..
पाश्चात्य भाषाओं ने हर जगह अपने को प्रबल
करने की होड़ मे दौड़ लगाया है……
लेकिन इसी उठापटक के बीच मे तमाम भाषाओं ने
अपने पांव को ज़रा ज़ोर से जमाया है…..
हर प्रदेश की अपनी भाषा…..
लोकभाषा,बोली और शैली होती है…..
कहाँ कोई भाषा अकेली होती है…..
भाषा के संरक्षण मे लगा होता है लोगों का समूह….
इस तरह के आयोजनों मे,उठता दिखता है लोगों का हुज़ूम…..
“जश्न ए-रेख्ता”के दौरान उर्दू भाषा से हुआ सामना….
ऐसा लगा बोल रही हो,आज हो ही गया आप से आमना सामना….
मुलाकात के दौरान शिकायती लहज़े को अपनाये हुई थी….
मुझसे बोलने लगी….
अपने लेखन मे कभी कभार ही हमारे शब्दों को उपयोग
मे लाती है….
ज़रा ज्यादा उपयोग करने मे क्यूँ शरमाती हैं…..
हमने तहज़ीब दिखाते हुए पहले उर्दू भाषा को सलाम किया
मुस्कुराते हुए अपना जवाब दिया…..
ऐसा नही कि हमे उर्दू भाषा से लगाव नही…
अपने लेखन मे आपको उपयोग मे लाने मे हमारा चाव नही…..
अभी हम आपकी गहराई मे नही उतर पाये हैं……
उन्हीं शब्दों को अपनी लेखनी मे उतार पाये हैं…..
जो हिंदी भाषा के साथ घुल मिल कर सामने नज़र आये हैं…
(चित्र internet के द्वारा )
जवाब मे उर्दू भाषा भी मुस्कुरा गयी…
प्यार से हमे गज़लें और शायरी सुना गयी….
चारों तरफ भीड़ के साथ झुण्ड खड़े दिख रहे थे….
तो कहीं खुले मंच पर अल्फाज़ों के गुल खिले हुए थे…
ज़िंदादिल शायर तस्वीरों मे गर्व के साथ खड़े थे….
उनकी शायरी कसे हुए शब्दों मे बँधी थी….
कागजों और बैनरों मे लिखी हुई सम्मान के साथ खड़ी थी…..
ऐसा लग रहा था कि हर कोई उर्दू भाषा को दुलार रहा था….
कागजों पर लिखी हुई शायरी के साथ अपनी तस्वीरें खिचवा रहा था…
कहीं हो रहा था मुशायरे का इंतज़ार….
तो कहीं मंच पर सज रहा था
सूफी संगीत का तरह तरह के
वाद्ययंत्रों के साथ लय और ताल…..
वहाँ आया हुआ हर एक शख्स उर्दू के साथ
“इजहार-ए-मुहब्बत” फरमा रहा था….
उर्दू भाषा की मुलायमियत से अपनी रूह को मिलवा रहा था…
लोगों के हुज़ूम को देखकर उर्दू भाषा भी मुस्कुरा रही थी…
अपने कद्रदानों को सामने देखकर गर्व से अपने
अस्तित्व को सजाती सँवारती नज़र आ रही थी…..
ऐसा लग रहा था मानो प्यार से कह रही हो…..
हमे अपनी रूह मे उतार कर तो देखो….
गीतों,गज़लों, कविताओं मे सजा कर तो देखो….
हमारे अल्फाज़ नाज़ुक एहसासों को जिंदा रखते हैं….
गज़ल हो शायरी हो या गीत हर कोई हमसे मिलकर
मुस्कुराते हुए नज़र आते हैं….
( चित्र internet के द्वारा )
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बहुत खूब !!!!
धन्यवाद 😊