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कई बार सुना था लोगों की जुबाँ से
किस्मत और तकदीर का नाम….
सुनने से ऐसा लगा जैसे दोनों हो एक ही माँ की
कोख से जन्मी हुई जुड़वा संतान….
ये है मेरे अपने दिमाग से उपजे विचार
न मानना इसे किताबी ज्ञान…..
तकदीर के नाम पर लोगों को
आँसूओं के तालाब मे डूबते हुए देखा…..
किस्मत के नाम पर लोगों को
आँसूओं के सैलाब मे बहते हुए देखा…
तकदीर और किस्मत को भुलाकर मेहनतकश लोगों की
तकदीर और तस्वीर को सँवरते हुए देखा….
ज्यादा अनुभव तो नही है मुझे ऐ जमाना !
लेकिन तकदीर और किस्मत के नाम पर ही
लोगों को जानबूझकर दरिया मे गिरते हुए देखा…..
बनती और बिगड़ती हुई तकदीर इंसान की एक ही जीवन मे
अलग-अलग तस्वीर बनाती है….
इंसान की मेहनत काम करने का सलीका सिखाती है…..
ईश्वर की आराधना आत्मविश्वास को बढ़ाती है…
इंसान को जीवन मे आने वाले तूफानों के बीच मे
सँभल कर आगे बढ़ना सिखाती है…..
जीवन मे आने वाले झंझावात इंसान को
मजबूत बनाते हैं…
ईश्वर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर
आगे बढ़ना सिखाते हैं…..
ऐ ईश्वर! अगर दम है तेरी दुआ मे इतना
तो बिना मेहनत और कर्म के किसी की
तकदीर सँवार कर के तो दिखा….
उस समय तो चल देता है तू मुँह को फेर कर….
छोड़ देता है चारो तरफ मुसीबतों से घेर कर…..
बार बार बुलाने पर कर देता है इंसानों को मजबूर….
दिखाता है जानबूझ कर तू अपना गुरूर…..
जैसे ही व्यक्ति खुद को समझ पाता है…..
कर्म की राह पर ज़रा सा आगे बढ़ जाता है….
देखते ही देखते किस्मत सँवरती है….
व्यक्ति के कर्म,आत्मविश्वास और मेहनत के
बदौलत तकदीर और किस्मत दोनो सँवरती है…..
( समस्त चित्र internet के द्वारा )
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Very true
😊
Nice one.
Thanks 😊
सही बात है कि तकदीर भी मेहनतकश लोगों का ही साथ देती है।
😊