हमारी दिल्ली का सौंदर्य सर्दी के मौसम मे
सबसे ज़्यादा निखरा हुआ दिखता है….
जब लोगों का सैलाब सर्द हवाओं के बीच मे
तफरीह के इरादे से निकलता है….
बहुमंजिली इमारतों से भरे हुये इस शहर के
अलग अलग रूप देखने को मिलते हैं…
जब व्यक्ति माॅल और बाजारों की भीड़ से हटकर
प्रकृति के बीच मे निकलते हैं….
प्राकृतिक सुंदरता के साथ का इरादा मुझे भी
लोदी गार्डेन की तरफ खींच ले गया…
सर्द हवाओं की मुनमुनाहट और खिली हुई धूप के
बीच मे ले गया…
एक बार फिर से मकबरों के बीच मे
हरियाली दिख रही थी….
ढेर सारी वनस्पतियों के बीच मे चहल पहल सज रही थी…
कहीं यारों की महफिल, कहीं सत्संग तो कहीं
बच्चों की मस्ती दिख रही थी….
कहीं योग ध्यान और आसन के द्वारा दिमाग के साथ-साथ
शरीर की स्फूर्ति बढ़ रही थी…
बाँसों के झुरमुट ने अचानक से गुनगुनी सी धूप को छुपा लिया….
छाया करके अपने चारो तरफ अँधेरे को बिठा लिया….
ऐसा लगा ये झुरमुट कानों के पास आकर फुसफुसा रहे हों…
हमे देखिये कितनी शांति से खड़े हैं…
कितनी उपयोगी चीज से जुड़े हैं…
आपको कागज और कलम का साथ पसंद है…
बस अपना समझ कर आपकी राह मे खड़े हैं…..
खिली हुई धूप मे आकाश मे बाजों की मस्ती दिख रही थी..
वहीं इमारतों के ऊपर तोतों और गिलहरियों की कभी दोस्ती
तो कभी दुश्मनी निभ रही थी….
बतखों ने पानी के स्रोत को अपना ठिकाना बनाया था…
वहीं मोर ने बोनसाई के बीच मे खुद को छुपाया था….
तितलियों ने तमाम तरह के रंगों को बिखेरा था….
फूलों और पत्तियों के ऊपर उनका डेरा था…..
महसूस ही नही हो रहा था कि हम कितनी तेजी से
भागते हुए शहर का हिस्सा हैं….
जिस शहर के अधिकांश लोगों के लिए प्रकृति से
रूबरू होना एक किस्सा है…..
ऐसा लग रहा था वक्त ज़रा सा रुक गया….
बाँसों के झुरमुटों या पेड़ों के पीछे जाकर छुप गया…..
तमाम तरह की वनस्पतियाँ दिख रही थी….
कोई टेढ़ी खड़ी, कोई अधलेटी तो कोई
बैठी हुई सी दिख रही थी…
पानी के स्रोत के बीच मे फव्वारा दिख रहा था…..
निकलती हुयी फुहारों से सूर्य की किरणों को धुल रहा था….
पानी की बूँदों के बीच मे से निकलती हुई सूर्य की किरणें
स्थिर पानी मे इंद्रधनुष बना रहीं थी….
तमाम रंगों से जलस्रोत को सजा रहीं थी….
वापस लौटते समय मन परिंदों और पेड़ों के साथ हो गया…
मकबरे मे सोये हुए व्यक्ति के आसपास जीवन को उन्मुक्त भाव
से घूमते देखकर अद्भुत एहसास के साथ हो गया….
( चित्र internet के द्वारा )
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Nice description and clicks as well!
Thanks 😊
Bohathi accha hai….
Shukriya
Shiva
मेरी पोस्ट को पढ़कर अपने विचार देने के लिए। शुक्रिया
आपकी कलम की दृष्टि से लोदी गार्डन ज्यादा सुंदर नज़र आया।
अच्छा 😊….पढ़ने के लिए शुक्रिया