मेरे विचार, और कल्पनाएं...
जीवन की छोटी-छोटी बातें या चीजें,
जिनमे सामान्यतौर पर कुछ तो लिखने के लिये छुपा रहता है…
एक लेखक की नज़र से देखो तब नज़र आता है …
उस समय हमारी कलम बोलती है…
कोरे कागज पर सरपट दौड़ती है..
कभी प्रकृति, कभी सकारात्मकता, कभी प्रार्थना तो कभी यात्रा…
कहीं बातें करते हुये रसोई के सामान, कहीं सुदूर स्थित दर्शनीय स्थान…
लिखने से पहले सोच विचार का एक दौर चलता है,
तब जाकर शब्दों का तानाबाना बुनता है..
रोज के जीवन से संबंधित अनेक बातें, रचना मे उतर जाती है..
माँ सरस्वती के स्मरण के साथ,
भरसक जीवन के सकारात्मक पक्ष को सोचते हुये मेरी रचनाओं ने जन्म लिया है….
विगत कई वर्षों से लिखते-लिखते लेखन पर, विश्वास मजबूत किया है…
लेखन एक कला है, एक जुनून है…
हर लेखक की अपनी अलग शैली है…
हमारा लेखन ज्यादातर लयात्मक अंदाज मे सामने आता है….
लिखने के साथ-साथ हमे भी ऊर्जावान करता जाता है…
आइये कुछ नया सोचते हैं
जीवन को ऊपर वाले का आशीर्वाद समझ कर, अहम् को परे रख कर जीते हैं…”आइये कुछ नया सोचते हैं”…
किताबी ज्ञान से कुछ पलों के लिये दूर होकर ….
जीवन की छोटी-छोटी खुशियों को जिंदादिली से जीते हैं..
“आइये कुछ नया सोचते हैं”…
प्रकृति से प्रेरित होकर दूसरों को भी प्रेरित करते हैं…
जीवन के संघर्षों मे उम्मीद और आशा का दामन थाम कर रखते हैं..
“आइये कुछ नया सोचते हैं”
हारने के कारण और बहाने मिलेंगे तमाम..
सफर जीवन का है तो,ठोकरों का मिलना है लाज़मी ..
खुद के भीतर संभलने की शक्ति को बढ़ाते हैं…
“आइये कुछ नया सोचते हैं”
खुद का जीवन अच्छा तो, दूसरे के बारे मे भी ज़रा बेहतर सोचते की, कोशिश तो करते हैं…
जीवन को एक नये अंदाज के साथ देखते हैं…
आइये कुछ नया और सकारात्मक सोचते हैं…